Probe against Brij Bhushan Sharan Singh: यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं.  उनके खिलाफ अवैध खनन के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गुरुवार (3 अगस्त) को जांच का आदेश दिया. बृजभूषण के खिलाफ राजा राम सिंह नाम के व्यक्ति ने गोंडा के 3 गांवों में अवैध खनन की शिकायत दर्ज कराई थी.


जांच के लिए एनजीटी ने एक संयुक्त कमेटी बनाई है, जिसमें पर्यावरण मंत्रालय, सीपीसीबी, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और गोंडा के डीएम शामिल हैं. कमेटी अवैध खनन और ओवरलोड ट्रकों के चलते पर्यावरण को हुए नुकसान की जांच करेगी.


याचिका में लगाए गए ये आरोप
कमेटी से कहा गया है कि एक हफ्ते के अंदर उन जगहों का दौरा करने के लिए कहा गया, जहां पर अवैध खनन की शिकायत की गई.  जांच के बाद कमेटी को 7 नवंबर तक रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. शिकायतकर्ता ने गोंडा के मझारथ, जैतपुर और नवाबगंज गांव में अवैध रेत खनन और हर रोज करीब 700 से ज्यादा ओवरलोड ट्रकों के चलने से सड़क और पुल को नुकसान पहुंचने का आरोप लगाया है.


याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि हर दिन 700 से अधिक ट्रकों में लादकर लघु खनिजों का अवैध परिवहन, भंडारण किया जा रहा है तथा करीब 20 लाख घन मीटर वाले लघु खनिजों की अवैध बिक्री की जा रही और क्षमता से अधिक भार से लदे ट्रकों से पटपड़ गंज पुल तथा सड़क को नुकसान पहुंचा है.


न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया याचिका में किए गए दावे पर्यावरण से संबंधित सवाल खड़े करते हैं. पीठ ने बुधवार (2 अगस्त) को कहा कि याचिका में किए दावों के मद्देनजर हम इसे उचित मानते हैं कि तथ्यात्मक स्थिति का पता लगाने और उचित उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त समित का गठन किया जाए. एनजीटी ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए सात नवंबर की तारीख तय की है.


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