PNB घोटाला: नीरव मोदी केस में ED ने मुख्य जांच अधिकारी सत्यव्रत कुमार को हटाए जाने का खंडन किया
ईडी ने नीरव मोदी केस में मुख्य जांच अधिकारी सत्यव्रत कुमार के ट्रांसफर की खबरों का खंडन किया है. ईडी की तरफ से कहा गया है कि जॉइंट डायरेक्टर सत्यव्रत कुमार का डेप्युटेशन टर्म खत्म हुआ है, उनका ट्रांसफर नहीं हुआ है.
लंदन: पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी केस में मुख्य जांच अधिकारी सत्यव्रत कुमार को हटाए जाने की खबर का प्रवर्तन निदेशालय ने खंडन किया है. इससे पहले खबर आई थी कि ईडी ने सत्यव्रत कुमार का ट्रांसफर कर दिया. सत्यव्रत कुमार शुरुआत से ही इस केस से जुड़े हुए हैं. ज्वाइंट डायरेक्टर सत्यव्रत कुमार नीरव मोदी के केस की पैरवी के लिए लंदन में ही हैं.
प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कहा गया है कि जॉइंट डायरेक्टर सत्यव्रत कुमार का डेप्युटेशन टर्म खत्म हुआ है. उनका ट्रांसफर नहीं हुआ है. उन्होंने अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. ईडी ने कहा है कि सत्यव्रत कुमार कोयला आवंटन मामले की जांच जारी रखेंगे और बाकी अन्य मामले एडिशनल डायरेक्टर संभालेंगे.
CORRECTION: Deputation of Satyabrata Kumar, Joint Director Enforcement Directorate, has ended following completion of his 5 years tenure. He shall continue to supervise investigation of coal block case in MBZO-I. pic.twitter.com/T3kBXBqeQb
— ANI (@ANI) March 29, 2019
19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार हुआ था नीरव मोदी
बता दें कि करीब 14 हजार करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले में आरोपी नीरव मोदी को 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उसे ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया था. इस मामले में आज कोर्ट में सुनवाई होगी. बड़ी बात यह है कि ईडी ने ही नीरव मोदी के प्रत्यपर्ण की अर्ज़ी लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में दी थी. नीरव मोदी जनवरी 2018 से ही भारत से फरार है. नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ ईडी और सीबीआई जांच कर रही हैं.
Joint Director Satyavrat Kumar investigating #NiravModi’s case transferred by Enforcement Directorate.
LIVE: https://t.co/DklVA2kRqn — ABP News (@abpnewstv) March 29, 2019
क्या है पीएनबी मामला
पीएनबी ने 14 फरवरी को जानकारी दी कि उसके ब्रैडी हाउस ब्रांच में 11,500 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पर 11,500 करोड़ रुपये कर्ज लेकर उसे नहीं चुकाने का आरोप लगाया. ये कर्ज पीएनबी के लैटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए लिए गए और इनके आधार पर एक्सिस बैंक और इलाहाबाद बैंक की विदेशी ब्रांचों से भी कर्ज लिया गया.
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