नई दिल्लीः एलएसी पर चीन से चल रहे डिसइंगेजमेंट के बीच राजस्थान के थार रेगिस्तान में भारत और अमेरिका के बीच चल रही ज्वाइंट एक्सरसाइज, को इस साल 'जोरावर युद्धभ्यास' का नाम दिया गया है. हालांकि, इस एक्सरसाइज का उद्देश्य काउंटर इंनसर्जेंसी और काउंटर ऑपरेशन के माहौल में अपने युद्ध-कौशल को और अधिक परिपक्व करना है, लेकिन इस युद्धभ्यास के जरिए दोनों देशों की सेनाएं दुनिया को दिखानी और बताना चाहती हैं कि साथ मिलकर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं. एबीपी न्यूज की टीम भी इस एक्सरसाइज की कवरेज के लिए थार रेगिस्तान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में मौजूद है.


जम्मू-कश्मीर राइफल्स ले रही हिस्सा


दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच ये युद्धभ्यास, जम्मू कश्मीर के डोगरा राज्य के कमांडर, जनरल जोरावर सिंह के नाम पर रखी गई है. जिन्होनें 19वीं सदी में पहली बार चीन पर आक्रमण कर अपनी पताका फहराई थी (पहला और आखिरी मौका था, जब किसी भारतीय ने चीन में अपनी विजय पताका फहराई थी). राजस्थान में चल रही इस एक्सरसाइज (8-21 फरवरी) में भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जैकरिफ) हिस्सा ले रही है. अमेरिका की 1-2 एससीबीटी (स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बेट टीम) हिस्सा ले रही है, जिसे घोस्ट-ब्रिगेड के नाम से भी जाना जाता है.


सालाना 'युद्धभ्यास' का 16वां सं‌स्करण 


दोनों देशों के बीच सालाना 'युद्धभ्यास' का ये 16वां सं‌स्करण है‌, इस ज्वाइंट एक्सरसाइज का नाम, 'युद्धभ्यास' ही है. भारत और अमेरिकी सेना इस युद्धभ्यास को संयुक्त राष्ट्र यानि यूएन के चार्टर के तहत कर रहे हैं. शुक्रवार को दोनों देशों की सेनाओं ने वैलिडेशन-एक्सरसाइज के तहत रोड ओपनिंग, मोबाइल व्हीकल चैक पोस्ट, एरिया डोमिनेशन पैट्रोल, फील्ड फायरिंग, कोर्डन एंड सर्च ऑपरेशन और एम्बुश लगाने का साझा किया.


पाकिस्तान सीमा से महज़ 100 किमी दूर महाजन फील्ड फायरिंग रेंज पर जब एबीपी न्यूज की टीम पहुंची तो वहां व्हीकल-आईडी के खतरे से निपटने की तैयारी की जा रही थी. दरअसल, महाजन रेंज को मिडिल-ईस्ट के एक देश में तब्दील कर दिया गया हैं, जहां तेल के कुओं और दूसरे स्रोतों के लिए गृहयुद्ध छिड़ा हुआ है. अलग-अलग उग्रवादी और विद्रोही संगठनों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका का साझा ऑपरेशन चल रहा है, ताकि वॉर-टोर्न इस देश में शांति बहाली की जा सके.


दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल


इस दौरान रोड ओपिनिग और मोबाइल चेक पोस्ट ( नाका) लगाकर किसी भी तरह के संदिग्ध गतिविधि को रोकना और कार्रवाई करना है.‌ इसके लिए नाके पर सर्च ऑपरेशन को स्निफर डॉग्स की मदद से अंजाम दिया गया. एक संदिग्ध आतंकी ने भागने की कोशिश की तो उसे मार गिराया. इस पूरे ऑपेरशन के लिए रोड के दोनो तरफ बैक टीम भी मौजूद थी.


इस पूरे ऑपेरशन के दौरान भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल तो दिखता ही है साथ ही आतंक के खिलाफ दोनों अपने अनुभव को भी साझा करते हैं. खास बात ये है कि इस एक्सरसाइज के दौरान भारतीय सैनिकों के हाथों में वही ‌सिग-सोर राइफल्स दिखाई पड़ी, जो हाल ही में भारत ने अमेरिका से ली हैं. भारत ने दो खेप में करीब डेढ़ लाख ये सिग-सोर राइफल्स ली हैं.


आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 2016 में लेमेओ (लॉजिस्टिक मेमोरेंडम एक्सचेंज एग्रीमेंट), 2018 में कोमकासा और 2020 में बेका समझौते के बाद दोनों देशों के बीच मिलिट्री कॉपरेशन के बीच यह 16 वां युद्धभ्यास है. चीन के बीच चल रही तनातनी के दौरान भी अमेरिकी सेना ने विंटर-क्लोथिंग और खास टेंट को इन समझौते के तहत भारतीय सेना को मुहैया कराई थी.


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