जयपुर: सोमवार को राजस्थान के थार रेगिस्तान स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज 'युद्धभ्यास' की शुरूआत हुई. सैन्य पंरपरा के तहत दोनों देशों की टुकड़ियों ने साझा मार्च-पास्ट किया और दोनों देशों की राष्ट्रीय-धुन बजाई गईं. अगले 14 दिनों (8-21 फरवरी) तक दोनों देशों की सेनाएं राजस्थान के रेगिस्तान में अटैक हेलीकॉप्टर्स और इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स के साथ साझा यूएन-चार्टर के तहत काउंटर-इनसर्जेंसी और काउंटर-टेरेरिज्म ऑपरेशन्स की ड्रिल में हिस्सा लेंगी.


पहले दिन साझा मार्च-पास्ट सहित दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए और राष्ट्रीय गान, जन गण मन और स्टार स्पैन्गलड बैनर की धुन बजाई गईं. दोनों देशों की टुकड़ियों के कमांडर्स ने एक साथ गुब्बारे उड़ाकर दोनों देशों के बीच साझा युद्धभ्यास के 16वें संस्करण की शुरूआत की. पहले दिन दोनों देशों के सैनिकों ने एक दूसरे की सेनाओं के हथियारों की हैंडलिंग भी की.


जयपुर स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, कर्नल अमिताभ के मुताबिक, युद्धभ्यास के दौरान अमेरिकी सेना की 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड की टुकड़ी के साथ स्ट्राइकर व्हीकल्स भी भारत आए हैं. अमेरिकी सेना की टुकड़ी के साथ भारतीय सेना की 170 इंफेंट्री ब्रिगेड की टुकड़ी युद्धभ्यास में हिस्सा ले रही है. भारतीय सेना की टुकड़ी के साथ हाल ही में सेना में शामिल किए गए स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर रूद और इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स बीएमपी-2 (सारथ) हिस्सा ले रही हैं. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के चिनूक और मी-17 हेलीकॉप्टर्स भी युद्धभ्यास में हिस्सा ले रही हैं. ज्वाइंट ड्रिल में उग्रवाद-विरोधी अभियान के साथ-साथ एचएडीआर यानी ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिजास्टर रिलीफ (मानवीय सहायता और आपदा राहत) का अभ्यास भी किया जाएगा.


‘युद्धभ्यास’ का 16वां संस्करण
भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच ‘युद्धभ्यास’ का ये 16वां संस्करण है. इस ज्वाइंट एक्सरसाइज का नाम, युद्धभ्यास ही है. ये एक्सरसाइज एक साल भारत में होती है और एक साल अमेरिका में. इस बार ये एक्सरसाइज राजस्थान के थार रेगिस्तान स्थित महाजन रेंज में हो रही है. इस एक्सरसाइज में कुल 500 सैनिक हिस्सा लें रहे हैं. 250-250 सैनिक दोनों सेनाओं के. ये एक्सरसाइज “यूएन (संयुक्त राष्ट्र) चार्टर के तहत वैश्विक तौर से ताकतवर दो सेनाओं के बीच आपसी सहयोग और पारस्परिकता बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है.”


अमेरिकी सेना की वन-कोर की 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बेट टीम (घोस्ट ब्रिगेड) इस एक्सरसाइज के लिए अपने स्ट्राइकर-व्हीकल्स (इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स) के साथ भारत पहुंची है. इस वन (1) कोर का मुख्यालय अमेरिका के सिएटल शहर के करीब ज्वाइंट बेस लुईस मैकक्रोर्ड (जेबीएलएम बेस) में है. अमेरिकी सेना सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट से इन स्ट्राइकर व्हीकल्स लेकर पहुंची है.


इस एक्सरसाइज के बाबत राजधानी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि इस सालाना युद्धभ्यास से दोनों सेनाओं की क्षमताएं तो बढेंगी ही “इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में स्थायी रक्षा उद्देश्य को बढ़ावा मिलेगा.” दूतावास के मुताबिक, युद्धभ्यास में सैन्य-प्रशिक्षण पर तो जोर दिया ही जाएगा, इससे दोनों देशों के बीच पेशेवर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी होगा.


युद्धभ्यास के दौरान कमांड पोस्ट एक्सरसाइज (सीपीएक्स) की जाएगी जिसमें यूएन पीसकीपिंग ऑपरेशन को दोनों देश के सैनिकों को एक साथ करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज (एफटीएक्स) में दोनों देशों के एक-एक कंपनी (करीब 100-100 सैनिक) साझा युद्ध-कला में हिस्सा लेंगे, ताकि ऑपरेशन्स क्षमताएं बढ़ाई जा सकें.


आपको बता दें कि एबीपी न्यूज की टीम ने वर्ष 2014 में उत्तराखंड के चौबटिया (रानीखेत) और फिर वर्ष 2017 में अमेरिका के जेबीएलएम बेस पर ‘युद्धभ्यास’ की खास कवरेज की थी.