नई दिल्ली: विपक्षी एकता को मजबूत करने और मोदी सरकार को घेरने के लिए तमाम विपक्षी दलों के युवा संगठनों ने साथ आ कर संयुक्त युवा मंच/युनाइटेड यूथ फ्रंट बनाने का एलान किया है. यूथ कांग्रेस के नेतृत्व में बने इस फ्रंट में लगभग एक दर्जन पार्टियों के युवा संगठन शामिल हैं. अहम बात ये है कि इसके लिए यूथ कांग्रेस ने विपक्ष की लगभग सभी पार्टियों से संपर्क किया लेकिन तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को न्यौता नहीं दिया. 28 सितम्बर को ये फ्रंट रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन करेगी.
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष केशव चन्द्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए सभी युवा संगठन साथ आए हैं. ये फेंट एक साथ मिलकर सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करेगा. उन्होंने कहा कि ये फ्रंट युवाओं को इकट्ठा कर उनके हक की आवाज उठाएगा. यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा बेरोजगारी, देश में नफरत का माहौल उनके मुख्य मुद्दे रहेंगे.
दिल्ली में आज हुई यूनाइटेड यूथ फ्रंट यूथ फ्रंट की बैठक में आने वाले दिनों में होने वाले कार्यक्रमों की रूप रेखा पर चर्चा हुई. सबसे बड़े दल होने के नाते यूथ कांग्रेस पर सभी विपक्षी दलों के युवा नेताओं को इकट्ठा करने की जिम्मेदारी है. इस फ्रंट में कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम, आरजेडी, आरएलडी, जेडीएस, मुस्लिम लीग, फॉरवर्ड ब्लॉक की युवा इकाइयां शामिल हैं.
गौरतलब है कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और केजरीवाल के आम आदमी पार्टी को इमसें आमंत्रित नहीं किया गया. वजह पूछने पर यूथ कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा कि इन दोनों के साथ ही कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ है. इसलिए इनसे दूरी रखी गई है. हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताओं ने ये दावा किया कि इस फ्रंट का मकसद चुनावी नहीं बल्कि युवाओं के मुद्दों को आवाज देना है.
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