जोकीहाट: उप चुनाव में दागी चेहरे पर दांव लगाना नीतीश को महंगा पड़ा
जोकीहाट उप चुनाव में दागी चेहरे पर दांव लगाना नीतीश को महंगा पड़ा. जोकीहाट से जेडीयू उम्मीदवार मुर्शीद आलम पर कई संगीन आरोप हैं. पार्टी के अंदर इनकी उम्मीदवारी को लेकर पहले से ही विरोध था.
पटना: उप चुनाव में दागी चेहरे पर दांव लगाना नीतीश को महंगा पड़ा. जोकीहाट उप चुनाव में नीतीश ने चोरी, हत्या और बलात्कार के आरोपी मुर्शीद आलम को टिकट दिया. जोकीहाट से कई योग्य उम्मीदवार थे लेकिन नीतीश ने सबको दरकिनार कर मुर्शीद पर दांव लगाया. इसका पार्टी के अंदर भी विरोध हुआ. नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके मंज़र आलम ने इसका विरोध किया और वो भी निर्दलीय खड़े हो गए पर बाद में नीतीश ने उनको मना लिया.
जेडीयू ने पूरा जोर लगाया
पार्टी ने इस उप चुनाव को प्रतिष्ठा की सीट मानकर पूरी ताकत झोंक दी. सरकार के मंत्री भी गली गली घूमे. नीतीश ने इशारों में पलासी को ब्लॉक बनाने का ऐलान कर दिया. जेडीयू के उम्मीदवार भी पलासी इलाके से ही थे. इसके बावजूद जेडीयू को यहां हार का सामना करना पड़ा. नीतीश कुमार के लिए इस हार के मायने इसलिए भी ज्यादा हैं क्योंकि ये सीट पिछले 13 साल से जेडीयू के पास थी. इस बार नीतीश कुमार दांव पहले इंट भट्ठे के कारोबारी और दो बार पंचायत मुखिया रहे मुर्शीद आलम पर लगाया. मुर्शीद आलम पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन से पिछले कई सालों से लोहा लेते रहे थे.
मुर्शीद आलम पर संगीन आरोप
जेडीयू उम्मीदवार मुर्शीद आलम पर कई संगीन आरोप यहां तक कि बलात्कार और हत्या तक के आरोप लगे हैं. चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के अनुसार मो. मुर्शिद आलम जिन धाराओं में औऱ जो आरोप लगे हैं उसका विवरण ये है -
- जोकीहाट थाना कांड संख्या 121/10,218/10, पलासी थाना कांड संख्या-103/12, 44/07, 42/08, 09/12, सिमराहा थाना कांड संख्या-221/12 के अलावा निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर सरकारी और जन संपत्ति की क्षति करने को लेकर धारा 165 आईपीसी- 3, साथ ही आदर्श आचार संहिता उल्लंघन करते हुए पोस्टर झंडा बैनर लगाने के को लेकर 170 और 150 पी आर एक्ट के तहत मामला दर्ज है.
- धारा 147/ 148/ 323/ 149/ 341/ 325 /435/ 504/ 34 आईपीसी, मारपीट करने का आरोप सहित धारा 467/ 468/ 420/34 भादवी जालसाजी एवं ठगी करने का आरोप धारा 376/ 406/ 420/ 34 भादवी अन्य अभियुक्त के साथ एक होकर बलात्कार करना, धारा 302 हत्या का आरोप, धारा 420 /406/ 409/ 120 धोखाधड़ी का आरोप शामिल है. इस प्रकार जदयू के प्रत्याशी मोहम्मद मुर्शीद आलम पर दर्जनों केस दर्ज हैं.
तेजस्वी की नीतीश को मात
वहीं जोकीहाट से आरजेडी ने तस्लीमुद्दीन के बेटे शाहनवाज आलम को टिकट दिया. जोकीहाट पर तस्लीमुद्दीन परिवार का कब्ज़ा रहा है. दो बार मंज़र आलम जेडीयू से जीते थे जबकि तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज भी जेडीयू से विधायक थे. सरफराज के जेडीयू छोड़ने से ये सीट खाली हुई थी. सरफराज पिछले लोकसभा चुनाव में अररिया से आरजेडी सांसद हो गए. दोनों सीटों पर एक बार फिर तस्लीमुद्दीन परिवार का कब्ज़ा हो गया. लेकिन उससे भी बड़ी बात ये कि आरजेडी के पास एक और सीट बढ़ गई. तेजस्वी इसके पहले जहानाबाद उप चुनाव में जीत हासिल कर चाचा को पटखनी दे चुके हैं.