Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने विपक्षी एकता की सारी कवायद को एक बार फिर से शून्य पर ला दिया है. देश के सबसे बड़े पद के लिए चुनाव का गणित नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में पहले से ही था. लेकिन विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को ये उम्मीद नहीं रही होगी कि जिन पार्टियों ने उनके नाम का प्रस्ताव किया है कि उनके ही सांसग और विधायक खिलाफ वोट कर देंगे. द्रौपदी मुर्मू की इतनी बड़ी जीत में क्रॉस वोटिंग का बड़ा हाथ है. द्रौपदी मुर्मू को सभी वोटों का लगभग 64.23 प्रतिशत मत मिला है और इतने वोट किसी भी राष्ट्रपति को नहीं मिले हैं. लगभग आधा दर्जन गैर-एनडीए दलों के अलावा, 17 सांसदों और करीब 104 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में क्रॉस-वोट किया.


किन राज्यों में हुई क्रॉस वोटिंग
बिहार में 6,  अरुणाचल प्रदेश में 1, असम में 22,  छत्तीसगढ़ में 6, गोवा में 4, गुजरात में 10, हरियाणा में 1, हिमाचल प्रदेश में 2, झारखंड में 10,  मध्यप्रदेश में 18, महाराष्ट्र में 16 विधायकों और मेघालय में  7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. आंकड़ों से जाहिर है कि असम में सबसे ज्यादा क्रॉस वोटिंग हुई है. 126 सदस्यीय वाली असम विधानसभा में एनडीए के 79 विधायक हैं जबकि द्रौपदी मुर्मू को 104 वोट मिले हैं. यानी 22 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है.


17 सांसदों ने भी दिया समर्थन
सांसदों में से 540 ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया. कुल मिलाकर 17 सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट किया जो गैर-एनडीए दलों के बीच एक बड़े विभाजन को दिखाता है. जागीर तौर पर इसका असर आने वाले चुनावी राज्यों में दिखेगा, ख़ास तौर पर गुजरात जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. वहां इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है. 


बता दें कि एनडीए में शामिल दलों के अलावा  शिवसेना, बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, बसपा, अकाली दल, जदएस, सहित कुछ निर्दलीय सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन की घोषणा की थी. संसद के दोनों सदनों को मिला कर इन सभी दलों और एनडीए के सांसदों की संख्या 529 होती है. वहीं बीजेपी, शिवसेना और बीएसपी के दो-दो सांसदों ने वोट नहीं डाले थे. इस हिसाब से एनडीए उम्मीदवार को 523 सांसदों का समर्थन मिलना तय था लेकिन 540 सांसदों का समर्थन हासिल हुआ.


ममता और शरद पवार को झटका
राष्ट्रपति चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने विपक्षी एकता को मजबूत करने की बहुत कोशिश की और कई पार्टियों के नेताओं से भी बात की. ममता ने तो आगे बढ़कर राष्ट्रपति चुनाव के लिए कई नाम भी सुझाए और फिर यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति बनी. लेकिन दोनों ही नेताओं को की कवायद को झटका लगा है. ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के जरिए खुद को केंद्र की राजनीति में स्थापित करने की कोशिश में दिखी थीं. लेकिन उनकी पार्टी में भी क्रॉस वोटिंग की खबर है.


किसको मिले कुल कितने वोट
द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव में कुल 6,76,803 मतों के साथ जीत हासिल की है. ये कुल वोट का 64.03 फीसदी है. वहीं उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को कुल 3,80,177 वोट मिले हैं. जो कुल वोट का 36 फीसदी हैं. किसी भी उम्मीदवार को जीत दर्ज करने के लिए कुल 5,28,491 वोटों की जरूरत थी, जिसे मुर्मू ने आसानी से पार कर लिया.  


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