जोशीमठ में बढ़ता जा रहा तबाही का खतरा, अब तक 782 मकानों में आईं दरारें, जानें कितने लोग किए गए शिफ्ट
Joshimath: जोशीमठ में भू-धंसाव बड़े खतरे की ओर बढ़ रहा है. अब तक सैकड़ों मकानों में दरार आ चुकी है. 223 पीड़ित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा चुका है.
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Joshimath Chamoli Sinking: देवभूमि उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में भू-धंसाव बड़े खतरे की ओर बढ़ रहा है. यहां अब तक 782 मकान ऐसे हो चुके हैं, जिनमें दरारें आ चुकी हैं. कई मकान अपने आप ध्वस्त हो चुके हैं. कई वॉर्डों में आए दिन मकानों में दरारें पड़ रही हैं. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा और गढ़वाल के आयुक्त ने ताजा हालातों के बारे में जानकारी दी.
जोशीमठ-चमोली में बढ़ता जा रहा खतरा
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि नगर के 4 वॉर्डों में 148 भवन असुरक्षित पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि पानी का रिसाव बारिश की वजह से बढ़ गया है. ऐसे में कई दिक्कतें हो रही हैं. वहां से लोगों को हटाया जा रहा है. अब तक 223 पीड़ित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा चुका है.
125 परिवारों को 1.50 लाख की धनराशि बांटी
रंजीत सिन्हा ने कहा, ''अभी 10 और परिवारों ने मकान किराए की मांग के लिए आवेदन किया है. सरकार की ओर से 125 परिवारों को 1.50 लाख की धनराशि आवंटित की जा चुकी है. विस्थापित परिवारों के लिए मॉडल टेंपररी शेल्टर बनाए जा रहे हैं. ऐसी जमीन जो सुरक्षित हो, वहां पर ये शेल्टर बनाए जाएंगे.''
सीआरबीआई द्वारा बताया गया कि मकानों को अप्रूव्ड की गई कंपनी ही बनाएगी. उन्हें 400 रुपये/स्क्वायर फीट के हिसाब से बनाया जाएगा. और पीडि़तों को कितना मुआवज़ा दिया जाएगा इसके लिए डिटेल सर्वे चल रहा है, वो पूरा होगा तो उसके हिसाब से ही मुआवजा तय होगा.
अब तक 185 परिवार राहत शिविरों में भेजे गए
गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि अब तक 185 परिवारों को राहत शिविरों में भेजा गया है. लोगों से विस्थापन को लेकर भी बात की जा रही है. कुछ लोग चाहते हैं कि उन्हें एकमुश्त राशि दी जाए. वहीं कुछ चाहते हैं कि उन्हें पूरा मकान बनाकर दिया जाए, इसके लिए लोगों से बात कर सर्वे किया जा रहा है.
आपदा प्रबंधन की टीम फिर आएगी जोशीमठ
आयुक्त के मुताबिक, उन्होंने खुद विभिन्न राहत शिविरों का निरीक्षण किया है और प्रभावित परिवारों से बातचीत की है. उनका कहना है कि आपदा प्रबंधन की टीम कल फिर से जोशीमठ का दौरा करेगी. जहां आपदा अपर सचिव, जियोलॉजिस्ट और केंद्रीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. ड्रेनेज प्लान के बारे में उन्होंने कहा कि इस पर इरिगेशन डिपार्टमेंट से बात करके ही कुछ कहा जा सकता है.
प्रभावित इलाके में शुरू हुआ जियो फिजिकल सर्वे
संवाददाता के अनुसार, एनजीआरआई ने जोशीमठ में जियो फिजिकल सर्वे शुरू कर दिया है. पानी का डिस्चार्ज जेपी कॉलोनी में कल 190 एलपीएम था, जो बढ़कर 240 एलपीएम हो गया है, ऐसा बारिश के कारण हुआ है.
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