Joshimath Sinking: जोशीमठ में खतरा बरकरार! सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर धंस गया शहर, ISRO ने जारी की सैटेलाइट तस्वीरें
ISRO से जारी हुई जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरें में साफ-साफ देखा जा सकता है कि जोशीमठ का कौन सा हिस्सा धंसने वाला है. यह तस्वीरें काटरेसैट-2एस सैटेलाइट से ली गई हैं.
![Joshimath Sinking: जोशीमठ में खतरा बरकरार! सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर धंस गया शहर, ISRO ने जारी की सैटेलाइट तस्वीरें Joshimath city sank 5.4 cm in just 12 days isro released satellite images Joshimath Sinking: जोशीमठ में खतरा बरकरार! सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर धंस गया शहर, ISRO ने जारी की सैटेलाइट तस्वीरें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/13/88684b3108155254fd8786c9a1dad9e01673573875434457_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Joshimath Sinking Satellite Images: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने जोशीमठ शहर (Joshimath City) की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं. इन तस्वीरों से पता चलता है कि जोशीमठ में कैसे धीरे-धीरे जमीन धंसने का सिलसिला जारी है. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि जोशीमठ सिर्फ 12 दिनों में ही 5.4 सेंटीमीटर तक धंस गया.
ISRO ने तस्वीरों को जारी कर बताया, 27 दिसंबर 2022 और 8 जनवरी 2023 के बीच 5.4 सेंटीमीटर के भूधंसाव को रिकॉर्ड किया गया है. अप्रैल 2022 और नवंबर 2022 के बीच जोशीमठ में 9 सेंटीमीटर की धीमी गिरावट देखी गई. एनएसआरसी ने कहा कि पिछले सप्ताह दिसंबर और जनवरी के पहले सप्ताह के बीच तेजी से धंसने की घटना शुरू हुई थी.
जोशीमठ में सबसिडेंस जोन
सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि आर्मी हेलीपैड और नरसिंह मंदिर सहित सेंट्रल जोशीमठ में सबसिडेंस जोन स्थित है. सबसे अधिक धंसाव जोशीमठ-औली रोड के पास 2,180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. बता दें कि 2022 में अप्रैल और नवंबर के बीच जोशीमठ में 8.9 सेमी का धीमा धंसाव दर्ज किया गया.
जोशीमठ में हालात नाजुक!
जोशीमठ को चमोली जिला प्रशासन ने भू-धंसाव क्षेत्र घोषित कर रखा है. बीते कुछ दिनों में सैकड़ों घरों और इमारतों ममें दरारें देखी गईं हैं. हालात ये हो गए सैकड़ों परिवारों को जोशीमठ से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. इसी बीच, राज्य सरकार ने 1.5 लाख रुपये के अंतरिम राहत पैकेज की घोषणा की है और पुनर्वास पैकेज पर काम कर रही है.
दो होटलों को गिराया जाएगा
जोशीमठ में गुरुवार (12 जनवरी) को दो होटलों को गिराने का काम शुरू किया गया, लेकिन खराब मौसम के कारण विध्वंस को बीच में ही रोकना पड़ा. इससे पहले, स्थानीय लोगों और निवासियों के विरोध के कारण कुछ दिनों के लिए तोड़फोड़ को रोक दिया गया था. प्रशासन ने बताया है कि जोशीमठ में अभी सिर्फ होटल 'मलारी इन' और 'माउंट व्यू' को ही ध्वस्त किया जाएगा.
भूधंसाव के लिए कौन जिम्मेदार?
बता दें कि जोशीमठ में भूधंसाव का विश्लेषण करने के लिए कई विशेषज्ञ टीमों को लगाया गया है. हालांकि, स्थानीय लोगों ने एनटीपीसी जलविद्युत परियोजना के लिए सुरंग खोदने के काम को दोषी ठहराया है. दूसरी ओर, एनटीपीसी ने एक बयान जारी कर दावा किया कि उनकी सुरंग जोशीमठ के नीचे से नहीं गुजर रही है.
ये भी पढ़ें- Weather: गिरेगा पारा, उत्तर भारत में फिर लौटेगी गलन वाली ठंड, जानिए मौसम का ताजा अपडेट
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)