Joshimath Land Subsidence Update: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव के कारण असुरक्षित घोषित किए गए दो होटलों को ढहाने की कार्रवाई गुरुवार (12 जनवरी) को शुरू कर दी गयी. साथ ही लोगों को निकालने की प्रक्रिया भी जारी रही. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी जोशीमठ (Joshimath) की स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक की है. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें. 


1. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जोशीमठ की स्थिति के बारे में जानकारी ली. दिल्ली में अमित शाह ने चार केंद्रीय मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों की एक हाई लेवल बैठक में लोगों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का आंकलन किया. चार केंद्रीय मंत्रियों- नितिन गडकरी (सड़क परिवहन), आर. के. सिंह (ऊर्जा), भूपेंद्र यादव (पर्यावरण एवं वन) और गजेंद्र सिंह शेखावत (जल शक्ति) शामिल थे.


2. उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि अधिकारी जोशीमठ में प्रभावित परिवारों का पुनर्वास कर रहे हैं, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को क्षेत्र में तैनात किया गया है. 


3. गुरुवार को असुरक्षित घोषित किए गए दो होटलों को ढहाने की कार्रवाई शुरू की गयी. दोनों होटलों को गिराने में 10 दिन लगेंगे. मुआवजे की मांग को लेकर पिछले दो दिन से धरना प्रदर्शन दे रहे होटल मालिकों और स्थानीय प्रशासन के बीच सहमति बन जाने के बाद यह कार्रवाई शुरू की गयी. 


4. सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ में असुरक्षित घोषित दो होटलों - माउंट व्यू और मलारी इन को ढहाने का कार्य प्रारंभ हो गया है. जोशीमठ में सात मंजिला मलारी इन और पांच मंजिला माउंट व्यू जमीन में दरारें आने के कारण ऊपरी हिस्से में एक दूसरे से खतरनाक तरीके से जुड़ गए हैं और उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घर खतरे की जद में हैं. 


5. सचिव आपदा प्रबंधन सिन्हा ने कहा कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकालने का काम जारी है और 27 और परिवार अस्थायी राहत केंद्रों में चले गए हैं, जबकि कस्बे में दरारें आने वाले घरों की संख्या बढ़कर 760 हो गई है. 589 सदस्यों वाले कुल 169 परिवारों को अब तक राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ और पीपलकोटी में 835 कमरे राहत केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं, जिनमें एक साथ 3,630 लोग रह सकते हैं. अब तक 42 प्रभावित परिवारों को 1.5 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा चुकी है. 


6. केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की सलाह पर प्रशासन इन्हें मंगलवार से तोड़े जाने की तैयारी में था. हांलांकि, होटल मालिकों और स्थानीय लोगों के विरोध के कारण यह कार्रवाई रूकी हुई थी, जो होटलों को ढहाए जाने से पहले इमारतों के विधिवत मूल्यांकन की मांग पर अड़े थे. दोनों होटलों को यांत्रिक तरीके से तोड़ा जाएगा. मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि पहले छत से लोहे की टिन हटायी जायेगी और अधिकतर कार्य मजदूरों से कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर ही जेसीबी मशीन का उपयोग होगा. तोड़फोड़ की कार्रवाई पहले मलारी इन होटल से शुरू हुई है. 


7. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि जोशीमठ में जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों के लिए बाजार दर पर मुआवजा स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सुझावों के आधार पर तय किया जाएगा. प्रभावित परिवारों के बीच पैकेज राशि के वितरण और पुनर्वास पैकेज की दर सुनिश्चित करने के लिए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में 19 सदस्यीय समिति का बुधवार को गठन किया गया था. उन्होंने कहा कि जोशीमठ के बारे में गलत धारणा बनाई जा रही है जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित हो सकती है. 


8. सीएम धामी ने कहा कि औली में शीतकालीन खेल फरवरी में शुरू हो रहे हैं और चार धाम यात्रा कुछ महीनों में शुरू हो रही है. जोशीमठ के बाहर यह संदेश देना कि पूरा शहर धंस रहा है, गलत है. इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. धामी ने कहा कि जोशीमठ में केवल 20-25 प्रतिशत घर भू-धंसाव से प्रभावित हुए हैं न कि पूरा शहर.  


9. कर्णप्रयाग में घरों में दरारें आने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर सीएम धामी ने कहा कि ये वहां कुछ समय से हैं. रिपोर्टों के अनुसार जोशीमठ से लगभग 80 किमी दूर, कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में कम से कम 50 घरों में 2015 से दरारें आ रही हैं. स्थानीय लोग दरारें के लिए धीरे-धीरे भूमि धंसने को जिम्मेदार मानते हैं और इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण, मंडी परिषद से संबंधित निर्माण कार्यों में नियमों का उल्लंघन, पिंडर नदी के कारण होने वाले कटाव और बारिश के पानी के अनियंत्रित प्रवाह को जिम्मेदार ठहराते हैं. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जोशीमठ के साथ-साथ उन स्थानों का अध्ययन कर रहा है, जिन्हें प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए चिन्हित किया गया है.


10. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जोशीमठ त्रासदी के बावजूद सोए रहने का आरोप लगाया और जिन लोगों को नुकसान हुआ है, उनके लिए उचित मुआवजे की मांग की. लखनऊ में अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तराखंड और केंद्र दोनों में बीजेपी सरकार जोशीमठ में प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी जिम्मेदारी की अनदेखी कर रही है. 


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