Joshimath Land Subsidence Update: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में जमीन धंसने और घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं को लेकर मंगलवार (10 जनवरी) को भी बैठकें हुईं. साथ ही जोखिम वाले होटलों को भी गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. हालांकि, इस दौरान लोगों ने होटल गिराने का विरोध (Protest) किया. जिसके बाद प्रक्रिया रोक दी गई. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें. 


1. जिला प्रशासन की ओर से मंगलवार को असुरक्षित चिन्हित किए गए घरों से लोगों को निकालना जारी रहा. घर खाली करते हुए लोगों की आखों में आंसू नजर आए. एक निवासी बिंदु ने कहा कि, "यह मेरा मायका है. 19 साल की उम्र में मेरी शादी हुई थी. मेरी मां 80 साल की हैं और मेरा एक बड़ा भाई है. हमने मेहनत की कमाई से ये घर बनाया है. हम यहां 60 साल रहे, लेकिन सब अब खत्म हो रहा है." 


2. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि कई असुरक्षित चिह्नित भवन खाली हो गए हैं और प्रक्रिया अभी भी चल रही है. एसडीआरएफ की 8 टीमें, एनडीआरएफ की 1, पीएसी की 1 अतिरिक्त कंपनी और पुलिस अधिकारी वहां मौजूद हैं. जरूरत पड़ी तो कुछ इलाकों को सील भी किया जाएगा. इलाके का वैज्ञानिक अध्ययन किया जा रहा है. 


3. रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जोशीमठ के सुनील वार्ड में प्रभावित लोगों से मुलाकात की. मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि लोगों ने मेहनत की कमाई से घर तो बना लिया, लेकिन अब उन्हें छोड़ना पड़ रहा है. ऐसे में बुरा तो लगता ही है. हमारी प्राथमिकता सभी को सुरक्षित रखना है. पीएम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. अधिकारी तैनात हैं, सेना सतर्क है, पशु आश्रय भी बनाया जाएगा:.


4. राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने मंगलवार को जोशीमठ की स्थिति की समीक्षा की जहां इमारतों और अन्य ढांचों में दरारें आ गई हैं. इस बैठक में इस बात पर जोर दिया कि तत्काल प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्र से पूरी तरह से एवं सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने की होनी चाहिए.


5. राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक में जोशीमठ में संवेदनशील ढांचों को सुरक्षित तरीके से गिराने को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया. एनसीएमसी की बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि संवेदनशील ढांचे को सुरक्षित तरीके से गिराने को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए.


6. सरकार और एडमिनिस्ट्रेशन ने सबसे पहले उन दोनों होटल्स पर कार्रवाई का फैसला किया जो दरारों के चलते तिरछे हो गए थे. 'माउंट व्यू' और 'मालारी इन' होटलों को गिराने का फैसला किया जिनमें हाल में बड़ी दरार आ गयीं और दोनों एक-दूसरे की ओर झुक गये हैं. दोनों होटल पर बुलडोजर वाला एक्शन शुरू करने का प्लान तैयार हो गया, लेकिन लोगों ने प्रोटेस्ट शुरू कर दिया. वहीं नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) से संबंधित निर्माण के खिलाफ गुस्साए स्थानीय लोगों ने भी विरोध किया.


7. स्थानीय लोगों के विरोध के कारण होटल को तोड़ना की प्रक्रिया को रोक दिया गया है. होटल मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मैं होटल तोड़े जाने का विरोध नहीं कर रहा हूं. मैं केवल ये कह रहा हूं कि मुझे उचित मुआवजा दिया जाए.


8. होटल को तोड़ना की प्रक्रिया रोके जाने पर SDRF अधिकारी एम. मिश्रा ने कहा कि हम लोग होटल को ध्वस्त करने जा रहे थे मगर होटल के मालिक कुछ मांग उठा रहे हैं. होटल मालिकों की मांग को लेकर बातचीत हो रही है. इसी के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. पहले सीनियर अफसरों ने कहा कि होटल आज ही गिराए जाएंगे, लेकिन बाद में फैसला को टाल दिया गया. 


9. सीबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डीपी कानूनगो ने कहा कि भू-धंसाव के कारण जमीन में दरारें आ रही हैं जिससे इमारतों की नींव काफी प्रभावित हो रही है. एक सात मंजिला होटल की इमारत की नींव कमजोर हो गई है और इमारत की मरम्मत नहीं हो सकती है इसलिए हम इसे तोड़ रहे हैं.


10. भू-धंसाव के कारण जोशीमठ में छतिग्रस्त भवनों की संख्या 723 हुई. सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 131 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है. जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 1425 क्षमता के 344 राहत शिविर के साथ ही जोशीमठ क्षेत्र से बाहर पीपलकोटी में 2205 क्षमता के 491 कक्षों/हॉलों को चिन्हित किया गया है. 


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