Joshimath Land Subsidence Update: जोशीमठ संकट को लेकर शनिवार (14 जनवरी) को भी काफी हलचल रही. शनिवार को होटल गिराने की प्रक्रिया के साथ-साथ लोगों को शिफ्ट करने का काम जारी रहा था. इसके अलावा सरकारी निकायों, विशेषज्ञों को जोशीमठ (Joshimath) के हालात पर बिना अनुमति मीडिया से बात नहीं करने को कहा गया है. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें. 


1. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और उत्तराखंड सरकार ने कई सरकारी संगठनों और संस्थानों व उनके विशेषज्ञों से जोशीमठ की स्थिति पर कोई अन-ऑफिशियल बयान नहीं देने को कहा है. एनडीएमए ने इन संगठनों और संस्थानों के प्रमुखों को भेजे अपने लेटर में कहा कि उनसे जुड़े लोगों को जोशीमठ में जमीन धंसने के संबंध में मीडिया से बातचीत नहीं करनी चाहिए और सोशल मीडिया पर इससे संबंधित आंकड़े शेयर नहीं करने चाहिए. 


2. कांग्रेस ने इसरो और कई अन्य सरकारी संगठनों एवं संस्थानों को पूर्व अनुमति के बिना जोशीमठ की स्थिति पर मीडिया से बातचीत या सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर नहीं करने के बयान पर सरकार की आलोचना की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संबंध में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से लिखा गया एक पत्र भी शेयर किया. जोशीमठ में जमीन धंसने को लेकर इसरो की ओर से जारी सेटेलाइट इमेज में दिखाया गया है कि शहर 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर धंस गया है.


3. मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, "जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग और टिहरी गढ़वाल में भी घरों की दीवारों में दरारें आने की खबरें आ रही हैं. संकट को हल करने और लोगों की समस्याओं का समाधान खोजने के बजाय, सरकारी एजेंसियां ​​इसरो की रिपोर्ट पर प्रतिबंध लगा रही हैं और अपने अधिकारियों को मीडिया से बातचीत करने से रोक रही हैं. पीएम मोदी जी से आग्रह है कि जो वास्तविक स्थिति बता रहे हैं, उनको सजा मत दीजिए (डोंट शूट द मैसेंजर)."


4. शनिवार को जोशीमठ में होटलों को गिराने का काम जारी रहा और साथ ही हजारों घरों की जांच भी की गई. सीबीआरआई के मुख्य अभियंता डॉ. अजय चौरसिया ने कहा कि जोशीमठ के 9 वार्डों में 4000 भवनों का आंकलन किया जा रहा है. हम भवनों के विवरण का आंकलन कर रहे हैं कि भवन का निर्माण कैसे किया गया, किस सामग्री का उपयोग किया गया, क्या यह निर्धारित मानदंडों के अनुसार था. उन्होंने कहा कि मूल्यांकन रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को प्रस्तुत की जाएगी ताकि वे तदनुसार एक प्रशासनिक योजना बना सकें.


5. जोशीमठ में प्रभावित लोगों को निकालने का काम भी जारी रहा. चमोली जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि अब तक 223 परिवारों को राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है. जिन मकानों में दरारें आई हैं उनकी संख्या 782 हो गई है जिनमें से 148 को असुरक्षित चिह्नित किया गया है. जोशीमठ में प्रभावित लोगों के पुनर्वास का पैकेज हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है. चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि कुछ नकद मुआवजा चाहते हैं, कुछ के पास अपनी जमीन है जहां वे घर बनाना चाहते हैं जबकि अन्य जोशीमठ (Joshimath) के भीतर कहीं और बसना चाहते हैं. 


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