Joshimath Landslide: जोशीमठ में स्थिति भयावह होती जा रही है. 1-2 इंच की दरारें अब विकराल रूप लेते हुए 8 से 9 इंच की हो गई हैं. दशकों से यहां रह रहे लोग पलायन करने को मजबूर हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों को हर मदद का आश्वासन दिया है. जोशीमठ के मनोहर बाग इलाके में रहने वालीं 60 वर्षीय उषा ने ज्योतिर्मठ परिसर के अंदर एक मंदिर में आई दरारों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह लगातार अपनी पहचान खोने की कगार पर हैं. 


उषा ने बताया कि लगभग एक हफ्ते पहले जब से उनके घर में दरारें आनी शुरू हुईं तब से वह दोपहर के समय बाहर ही बिता रही हैं. अब दरारें भी चौड़ी होने लगी हैं. उन्हें अब घर खाली करने के लिए मजबूर किया जाता है जिसे उन्हें सालों की मेहनत की कमाई से बनाया है. इन दरारों की बात करते हुए लोगों के आंसू भी छलक उठे.


जमीन धंसने से कई इमारतों में दरार


जोशीमठ के एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक और मनोहर बाग निवासी रजनी ने कहा कि वह इस डर में रह रहे हैं कि भविष्य में कुछ भी हो सकता है. जिस स्कूल में वह काम करती हैं वह भी अब गायब होने की कगार पर है. यहां जमीन धंसने के कारण कई इमारतों में दरारें पड़ गई हैं, जोकि पहले से ज्यादा विकराल रूप ले रही हैं. 


घरों को खाली करने का नोटिस 


खतरे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने रविवार (8 जनवरी) को शहर के सभी 9 वार्डों को रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया. जिला प्रशासन की तरफ से घरों को खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है. लोगों ने अब उत्तराखंड सरकार की तरफ से दिए गए सुरक्षित स्थानों पर जाना शुरू कर दिया है.


600 से ज्यादा घरों में दरारें


अधिकारियों के अनुसार, जोशीमठ की लगभग 4500 इमारतों में से 600 से ज्यादा में दरारें आ गई हैं. मनोहर बाग के कई घरों पर प्रशासन ने रविवार को लाल पेंट से एक बड़ा एक्स चिन्ह बना दिया, जिसका मतलब था कि वे रहने के लिए असुरक्षित हैं. मनोहर बाग निवासी रजनी का कहना है कि वह और उनकी बच्चे इसे लेकर परेशान हैं. उनके यह चिंता सता रही है कि जिन जगहों पर उन्हें शिफ्ट किया जा रहा है अगर वहां भी दरारें पड़ गई तो वह कहां जाएंगे. 


60 परिवारों को किया गया शिफ्ट 


चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि अब तक 60 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है. इन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. हिमांशु ने प्रभावित क्षेत्र में घर-घर जाकर नुकसान का आकलन किया था और दरार वाले घरों में रहने वाले लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील की थी. उत्तराखंड मुख्य सचिव एसएस संधू, मुख्यमंत्री की सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम और पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने भी जोशीमठ कस्बे का निरीक्षण किया.


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