Joshimath Sinking: जोशीमठ में दरार वाले मकानों की संख्या 782 पहुंची, रोज बढ़ रहा दायरा, घरों में लगाए जा रहे क्रैक मीटर
जोशीमठ में दरारों का दायरा बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार तक जोशीमठ के 760 घरों में दरारें पाई गई थीं, शनिवार को इनकी संख्या बढ़कर 782 हो गई.
Land Subsidence in Joshimath: उत्तराखंड के जोशीमठ में दरारों वाले मकानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब तक 782 मकानों में दरारों की खबर है जबकि 148 भवन ऐसे चिह्नित किए गए हैं जिन्हें सरकार ने रहने के लिए असुरक्षित माना है. हालात का जायजा लेने आपदा प्रबंधन विभाग की स्पेशल टीम रविवार (15 जनवरी) को फिर से जोशीमठ के दौरे पर जाएगी.
देहरादून से जोशीमठ जाने वाली टीम में आपदा विभाग के अपर सचिव, जियोलॉजिस्ट और केंद्र सरकार के अधिकारी शामिल होंगे. इस बीच चिंता की बात यह है कि जोशीमठ में दरारों का दायरा बढ़ता जा रहा है.
रोज बढ़ रहीं दरारें
शुक्रवार तक जहां जोशीमठ के 760 घरों में दरारें थीं, शनिवार को इनकी संख्या बढ़कर 782 हो गई. वहीं अनसेफ मार्क किए गए घरों की संख्या भी 147 से बढ़कर 148 हो गई है. शुक्रवार तक विस्थापित परिवारों की संख्या 185 थी जो बढ़कर 223 हो गई है.
घरों में लगाए जा रहे क्रैक मीटर
जोशीमठ के जिन घरों में दरारें आ रही हैं, उनमें CBRI यानी सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से क्रैक मीटर लगाए जा रहे हैं. साथ ही सुरक्षित इमारतों में स्टीकर चिपकाए जा रहे हैं.
कुछ हिस्से की जमीन 2.2 फीट धंसी
जोशीमठ में भूधंसान और घरों में दरारों के चलते लोग भयभीत हैं. इस बीच एक डराने वाली रिपोर्ट सामने आई है. प्रभावित क्षेत्र की जमीनी जांच से जानकारी मिली है कि जोशीमठ के कुछ हिस्से 2.2 फीट यानी 70 सेंटीमीटर तक धंस चुके हैं.
TOI ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा है कि जेपी कॉलोनी के अंदर बैडमिंटन कोर्ट और उसके आसपास की जमीन में 70 सेंटीमीटर का धंसाव देखा गया है.
मीडिया से बातचीत पर रोक
जोशीमठ संकट लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और उत्तराखंड सरकार ने कई सरकारी संगठनों, संस्थानों और उनके विशेषज्ञों से जोशीमठ की स्थिति पर कोई अन-ऑफिशियल बयान नहीं देने को कहा है. एनडीएमए ने इन संगठनों और संस्थानों के प्रमुखों को भेजे अपने लेटर में कहा कि उनसे जुड़े लोगों को जोशीमठ में जमीन धंसने के संबंध में मीडिया से बातचीत नहीं करनी चाहिए और सोशल मीडिया पर इससे संबंधित आंकड़े शेयर नहीं करने चाहिए. इन संगठनों में इसरो का नाम भी शामिल है.
कांग्रेस ने इसरो और अन्य संगठनों और संस्थानों को बिना अनुमति जोशीमठ की स्थिति पर मीडिया से बातचीत न करने पर सरकार की निंदा की है. खड़गे ने इसरो को एनडीएमए की तरफ से लिखा पत्र भी ट्विटर शेयर किया.
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