Joshimath Sinking: अब तक जोशीमठ की 863 इमारतों में दरारें, 181 भवन असुरक्षित, बर्फबारी के बाद बढ़ी मुसीबत!
Joshimath की स्थिति में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. बर्फबारी के बाद हालात और बिगड़ते हुए नजर आ रहे हैं. इमारतों में पड़ी दरारें और चौड़ी होती जा रही हैं.
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Joshimath Sinking Update: चमोली जिलाधिकारी (DM) हिमांशु खुराना ने शनिवार को भू-धंसाव से प्रभावित चमोली जिले के जोशीमठ के ढाक गांव में चिह्नित भूमि का मौके पर निरीक्षण किया. डीएम ने ग्रामीण निर्माण विभाग (RWD) को ढाक में जमीन की रूपरेखा का नक्शा जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. इसी के साथ प्रशासन ने बताया कि जोशीमठ शहर क्षेत्र में अब तक 863 इमारतों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें दरारें आ गई हैं. डीएम के मुताबिक इनमें से 181 इमारतों को असुरक्षित जोन में रखा गया है.
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि हाल ही में उत्तराखंड में हुई भारी बर्फबारी के बाद कुछ इलाकों में इमारतों में दरारें चौड़ी होने की खबरें मिली हैं. खुराना ने कहा कि जोशीमठ में भारी बर्फबारी के कारण कोई हादसा होने पर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और पुलिस की टीमें अलर्ट पर हैं.
राहत शिविरों की क्या है स्थिति?
जोशीमठ में राहत शिविरों की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को हर जरूरी सुविधा मुहैया कराने के लिए टीमें काम कर रहीं हैं. डीएम हिमांशु खुराना ने कहा, "जोशीमठ में भारी बर्फबारी के कारण कुछ इलाकों में इमारतों में दरारें चौड़ी होने की खबरें मिली हैं. हमारी टीम हीटर, गर्म पानी और अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम कर रही है."
प्रभावितों को दी जा रही सहायता राशि
उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में बिजली की समस्या पर नजर रखने के लिए एक कार्यकारी स्तर के इंजीनियर शिविर में मौजूद हैं. इससे पहले, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने 20 जनवरी को मीडिया को जोशीमठ में किए जा रहे पुनर्वास एवं राहत कार्यों की जानकारी दी और बताया कि प्रभावित आठ काश्तकारों को तत्काल सहायता के रूप में 4 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है. प्रति परिवार 50 हजार रुपये.
218 प्रभावितों को मिली 3.27 करोड़ की राशि
इस बीच, जोशीमठ में 218 प्रभावित परिवारों को अग्रिम राहत के रूप में 3.27 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है. बता दें कि जोशीमठ के साथ, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और कर्णप्रयाग सहित उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों से भी भू-धंसाव की ऐसी ही घटना की सूचना मिल रही है.
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