Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में कुछ और घरों में दरारें आने लगी हैं. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी क्षेत्र के 9 वार्डों तक अब दरारें पहुंच गई हैं. 147 घर ऐसे हैं जो पूरी तरह असुरक्षित जोन में हैं. अब तक 760 घरों तक दरारें पहुंच चुकी हैं. जोशीमठ के वार्ड 1, 4, 5 और 7 को असुरक्षित घोषित किया गया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने जोशीमठ में 83 भवनों को विस्थापन के लिए चुना है, इनमें 2,190 लोग रह सकते हैं. 


जोशीमठ के पास पीपलकोटी में भी 20 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिसमें 2,205 लोग रह सकते हैं. अबतक 185 परिवारों के 657 लोगों को अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है. इन राहत शिवरों में लोगों को परेशानी न हो, इसलिए जिलाधिकारी खुद जाकर लोगों से मिल रहे हैं और खाने-पीने का इंतजाम देख रहे हैं. राहत कार्यो के तहत जिला प्रशासन की तरफ से अब तक 210 प्रभावितों को 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि सहायता के तौर पर बांटी गई है.


प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता 


13 जनवरी को आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत पैकेज को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी. मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू (SS Sandhu) और आपदा सचिव रंजीत सिन्हा (Ranjit Sinha) ने बताया कि बैठक में जोशीमठ के भविष्य को लेकर रोडमैप तैयार किया गया. इसके साथ ही 45 करोड़ की आर्थिक सहायता को कैबिनेट ने जारी करने की मंजूरी दी है. पांच जगहों को पुनर्वास के लिए कैबिनेट ने चिह्नित किया है. इसके अलावा चार हजार की जगह पांच हजार रुपये प्रभावित परिवारों के लिए किराया की दर बढ़ाई गई है.
 
तेजी से बढ़ रही जमीन धंसने की तीव्रता 


ISRO के हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से नवंबर 2022 तक जमीन धंसने का मामला धीमा था. इन सात महीनों में जोशीमठ -8.9 सेंटीमीटर धंसा है. इसके बाद 27 दिसंबर 2022 से लेकर 8 जनवरी 2023 तक के 12 दिनों में जमीन धंसने की तीव्रता 5.4 सेंटीमीटर हो गई. 


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