Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में क्षतिग्रस्त इमारतों को ढहाने का काम शुरू हो गया है. चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम की देखरेख में जोशीमठ शहर में असुरक्षित चिन्हित भवन को वैज्ञानिक तरीके से तोड़ा जाएगा.


उत्तराखंड के जोशीमठ में दो होटल; मलारी इन और होटल माउंट व्यू समेत कई घरों में जमीन धंसने के कारण दरारें आ गई हैं. उनको आज गिराया जाएगा. ऐसा निर्णय उस दिन लिया गया है जब सुप्रीम कोर्ट 16 जनवरी को मामले की सुनवाई के लिए सहमत हो गया. यह कहते हुए कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थान पहले से ही इस पर काम कर रहे हैं. 


NDRF की टीम पहुंची जोशीमठ


राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की एक टीम भी जरूरत पड़ने पर विध्वंस कार्य में जिला प्रशासन की सहायता के लिए तैयार है. एनडीआरएफ ने कहा है कि विशेषज्ञ जमीन पर हैं और प्रशासन उनके निर्देश और सलाह पर कार्रवाई करेगा. गृह मंत्रालय की एक टीम भी जोशीमठ पहुंच रही है. सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय की एक टीम भी वहां पहुंच चुकी है. 


कुछ ही देर में टूटने वाला है होटल मलारी इन


जोशीमठ में होटल मलारी इन को तोड़ने का काम जल्द शुरू होगा. मौके पर एसडीआरएफ तैनात किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट की जा रही है. दो होटलों में से मलारी इन को आज चरणबद्ध तरीके से तोड़ा जायेगा. सबसे पहले ऊपर के हिस्से को तोड़ा जायेगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि दोनों होटल काफी झुक गए हैं और एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए हैं. दोनों होटलों का विध्वंस आवश्यक है क्योंकि आसपास कई घर और होटल हैं, अगर ये दोनों और झुक गए तो वे गिर सकते हैं. इसलिए, विशेषज्ञों ने उन्हें ध्वस्त करने का फैसला किया है. सीबीआरआई विशेषज्ञ आज आ रही है. 


होटल मलारी इन के मालिक का बयान


मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि अगर विध्वंस जनहित में गिराया जा रहा है तो वे सरकार और प्रशासन के साथ है. उनका कहना है कि भले  ही उनके होटल में आंशिक दरारें ही क्यों न हों उन्हें नोटिस दिया जाना चाहिए था. मूल्यांकन भी किया जाना चाहिए था. उन्होंने सरकार से मूल्यांकन के लिए अनिरोध किया है. 


पुनर्वास की योजना पर सरकार कर रही काम


उत्तराखंड सरकार निवासियों को निकालने और क्षतिग्रस्त इमारतों को ध्वस्त करने के अलावा, स्थानांतरित करने और पुनर्वास की योजना पर भी काम कर रही है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार संभावित पुनर्वास स्थलों में गौचर (90 किमी दूर) और पीपलकोटी (35 किमी दूर) शामिल हैं. उन्होंने कहा कि शहर की बहाली के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र से हर संभव की मदद का वादा भी किया है. 


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