Joshimath Sinking Updates: मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ में राहत शिविर का दौरा किया, लोगों से की बात
जोशीमठ में सोमवार देर रात घर गिराने पहुंची प्रशासन की टीम पहुंची तो लोग भड़क उठे. मंगलवार को सीएम सचिव ने प्रभावित परिवारों से बात की. जोशीमठ में हर बड़ी अपडेट के लिए फॉलो करें.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में राहत शिविर का दौरा किया और वहां रुके लोगों से मिले. मुख्यमंत्री ने वहां की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली ने कहा कि जोशीमठ में कुल 723 इमारतों में दरारें आईं जबकि 86 इमारतों को असुरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है. 499 परिवारों का पुनर्वास किया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम धामी से फोन पर बात की. अमित शाह ने जोशीमठ में मौजूदा हालात और बचाव अभियान का फीडबैक लिया है. केंद्र जोशीमठ में सामने आ रहे हालात पर करीब से नजर रखे हुए है. इससे पहले आज बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने भी सीएम धामी से बात की थी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों का जायज़ा लिया और लोगों से बातचीत की.
जोशीमठ में उत्तराखंड के सीएम पीएस धामी ने कहा कि प्रभावित परिवारों को राहत देना और उनका पुनर्वास करना हमारी प्राथमिकता है. ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि पूरा उत्तराखंड खतरे में है, यह सही नहीं है. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच एक संतुलन बना रहे. हम राज्य के सभी शहरों की धारण क्षमता का पुनर्मूल्यांकन करेंगे. यदि किसी स्थान पर आवश्यकता से अधिक निर्माण होगा तो हम उसे रोक देंगे. पीएम मोदी और उनका कार्यालय लगातार जमीन धंसने के मुद्दे पर अपडेट ले रहा है. सीएम आज रात जोशीमठ में रहेंगे.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत की है. उन्होंने जोशीमठ की स्थिति के बारे में जानकारी ली है. साथ ही सरकार के राहत बचाव कार्य और पीड़ितों के लिए किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली है.
उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय ने कहा कि CM द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करते हुए प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर ₹1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है. भू-धंसाव से जो स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं उनको बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा.
सीएम पुष्कर धामी के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि "हमारी सरकार स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रख रही है। भू-धंसाव से जो स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं उनको बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा। बाजार की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय की जाएगी।"
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा बुधवार शाम 4:15 बजे मीडिया सेंटर सचिवालय में जोशीमठ नगर क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे
जोशीमठ में हल्की बारिश शुरू हो गई है. बारिश के चलते कटान और भूधंसान का खतरा बढ़ गया है.
मुख्यमंत्री के सचिव ने कहा प्रशासन सबकी बात सुन रहा है. पुनर्वास पैकेज तय करते वक्त इन बातों का ख्याल रखा जाएगा. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर लोगों से बात चल रही है. लोग लिखित में आश्वासन चाहते हैं.
जोशीमठ की तरह ही कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में भी दरारें आ गई हैं। डीएम चमोली, हिमांशु खुराना ने बताया कि आईआईटी रुड़की की एक टीम क्षेत्र का अध्ययन कर रही है और उनकी रिपोर्ट के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
जोशीमठ भूधंसाव को लेकर उत्तराखंड सीएम के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने जिला प्रशासन की मौजूदगी में प्रभावित लोगों के साथ बैठक की. इस बैठक में स्थानीय लोगों की मुआवजे की मांग, आगे के इंतजाम पर चर्चा की गई.
जोशीमठ में आई विपदा को लेकर श्री जगद्गुरु शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए. पर्वत ,वन और नदी पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखती है. विकास के नाम पर पर्वतों को रास्ता बनाने के लिए तोड़ा गया वनों को काटा गया और नदियों के जल को दूषित किया गया जिसका परिणाम है.
उन्होंने बताया सात जनवरी के बाद कोई नई दरार डेवलप नहीं हुई है. फौरी राहत के तौर पर पचास हज़ार और मुआवज़ा एडवांस के रूप में एक लाख रुपए दे रहे हैं. पचास हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए होंगे. मूल्यांकन के पहले का ये मुआवजा है. अंतिम मुआवजे पर जो भी निर्णय होगा, उसमें इसे एडजस्ट कर लेंगे.
मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि केंद्र की कई एजेंसियां जोशीमठ में आई आपदा की जांच पड़ताल कर रही हैंं. हमने भी अपने स्तर से जानकारी की तो पता चला कि जेपी की कॉलोनी में बारिश के वक्त पानी आता था, मगर उसमें अचानक से काफ़ी पानी आने लगा. हालाँकि अब पानी की मात्रा घट रही है. कुछ लोग यह भी बोल रहे हैं भीतर के जल स्रोत डिस्टर्ब हुए हैं.
मिश्रा ने बताया मंगलवार को एक राउंड होटल मल्लारी इन के मालिकों से बातचीत होगी फिर ध्वस्तीकरण शुरू होगा. स्टेपवाइज ध्वस्तीकरण किया जाएगा. पहले खिड़की, दरवाजे निकाले जाएंगे. उसके बाद दीवारों को ध्वस्त किया जाएगा.
राज्य आपदा राहत बल (SDRF) ने बताया है कि आज मंगलवार को जोशीमठ में लोगों को घरों से बाहर निकाला जाएगा. एसडीआरएफ कमांडेंट आईपीएस मणिकांत मिश्रा ने एबीपी न्यूज को बताया कि बारिश और बर्फबारी के चलते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा. जिन इमारतों में दरार है और खतरा है, वहां से लोगों को बाहर निकाला जाएगा.
बैकग्राउंड
Joshimath Latest Update: जोशीमठ का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. अभी तक प्रशासन ने 131 परिवारों को उनके घरों से बाहर निकाला गया है. इन सभी को सुरक्षित शेल्टर में जगह दी गई है.
वहीं प्रशासन ने दरार के चलते गंभीर नुकसान पहुंचे घरों को गिराने का फैसला किया है, जिसका स्थानीय लोगों में विरोध शुरू हो गया है. सीएम धामी ने 13 जनवरी को मामले पर एक आपात बैठक बुलाई है.
मंगलवार (11 जनवरी) देर रात एक होटल को गिराने पहुंची प्रशासन की टीम को देख लोग भड़क उठे और नारेबाजी शुरू कर दी. स्थानीय लोगों के विरोध के चलते प्रशासन की टीम को कार्रवाई टालनी पड़ी. होटल वालों के परिवार बिल्डिंग के बाहर बैठे हैं. इनमें महिलाएं भी हैं. लोग मुआवजे को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने साफ बताया नहीं कि उन्हें क्या मुआवजा मिलेगा. एबीपी न्यूज से बातचीत में एक स्थानीय निवासी ने कहा पहले सरकार मुआवजे को लेकर लिखित आश्वासन दे तो ही कार्रवाई होने दी जाएगी. इसके साथ ही उनकी मांग है कि कार्रवाई रात की बजाय दिन में की जाए.
बीआरओ के एक कमांडेंट एबीपी न्यूज से बताया कि रात में यह कार्रवाई इसलिए की जा रही है क्योंकि रात में यहां ट्रैफिक कम रहता है. भीड़-भाड़ कम होने के चलते ज्यादा खतरा नहीं होगा इसलिए ये कार्रवाई रात के समय की जा रही है.
विरोध को देखते हुए सोमवार रात को अतिरिक्त पुलिस फोर्स जोशीमठ बुलाई गई. मंगलवार को प्रशासन की टीम मलारी इन होटल के मालिक और अन्य लोगों से बात करेगी उनकी बात सुनी जाएगी. बात कर के मामले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी उसके बाद ध्वस्तीकरण होगा.
जोशीमठ को चारधाम यात्रा का गेटवे माना जाता है. शहर में अधिकांश व्यापारी और होटल मालिक तीर्थयात्रियों पर निर्भर हैं. स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि बिल्डिंग को गिराने को लेकर उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था. शहर में 723 घर ऐसे चिह्नित किए गए हैं जिनमें दरार आ गई हैं. हालांकि इनमें से कुछ को ही अभी गिराया जाना है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -