Joshimath Sinking Ground Survey: उत्तराखंड के जोशीमठ की स्थिति से अब हर कोई वाकिफ है. बीते कुछ दिन जोशीमठ के नागरिकों के लिए काफी मुश्किल भरे रहे हैं. हालांकि, खतरा अभी भी टला नहीं है. जिन इमारतों और घरों में दरारें हैं, वहां रहना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं माना जा सकता. इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने हर किसी को भयभीत कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रभावित क्षेत्रों की जमीनी जांच से पता चला है कि जोशीमठ के कुछ हिस्से 2.2 फीट यानी 70 सेंटीमीटर तक धंस चुके हैं.


एक वरिष्ठ अधिकारी ने TOI को बताया, "जमीनी जांच स्पष्ट रूप से जेपी कॉलोनी के अंदर बैडमिंटन कोर्ट में और उसके आसपास 70 सेमी के धंसाव दिखाती है. वहीं मनोहर बाग पॉकेट में करीब 7-10 सेमी धंसाव देखा जा सकता है."


'रिमोट सेंसिंग जरूरी, लेकिन...'


अधिकारी ने आगे कहा, "जमीन की सतह में बदलाव को रिमोट सेंसिंग के जरिये देखा जा सकता है, लेकिन जमीन के नीचे क्या हो रहा है, इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है." भूवैज्ञानिक एसपी सती ने कहा कि किसी चीज ने धंसने की शुरुआत की थी और अनियंत्रित होने पर यह जारी रहेगा.


'जलधारा फंटने से भी बढ़ी मुश्किल'


आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा के नेतृत्व में 5-6 जनवरी को आठ सदस्यीय टीम ने फील्ड सर्वे के किया. उनकी रिपोर्ट में पाया गया कि 2 जनवरी की रात जेपी कॉलोनी में जलधारा के फटने से जलभराव बढ़ गया था. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि "जल प्रवाह ने शायद कुछ भूमिगत खाली जगह बनाई है, जो कॉलोनी के ऊपर और नीचे विभिन्न स्थानों में धंसने के रूप में दिखाई दे रही हैं. इससे कई बड़ी दरारें आ गई हैं, जो एक मीटर से अधिक गहरी हैं."


'बाधा आने पर ही धंसाव रुकेगा'


भूविज्ञानी एसपी सती ने टीओआई को बताया, "जोशीमठ के कुछ हिस्सों में कुछ फीट तक धंसाव देखा गया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में यह कुछ इंच है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी चीज ने जमीन के धंसने को ट्रिगर किया है, जो तभी रुकेगा जब कोई बाधा होगी, या फिर यह जारी रहेगा."


स्थानीय लोगों ने क्या बताया?


स्थानीय निवासी दुर्गा प्रसाद सकलानी ने कहा, "मेरा कमरा एक फुट से अधिक धंस गया है और बरामदा लगभग दो फुट नीचे धंस गया है, जिससे पूरा घर रहने लायक नहीं रह गया है." एक होटल के केयरटेकर चिराग प्रजापति ने कहा, "मेरा होटल पिछले 15 दिनों में लगभग 6 इंच तक धंस गया है. पीछे की इमारत भी हमारे होटल की ओर झुकी हुई है."


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