Joshimath Sinking: एक तऱफ जोशीमठ का संकट बढ़ता जा रहा है तो दूसरी तरफ नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) का नया फरमान आया है,. एनडीएमए ने सरकारी संस्थानों को मीडिया से जानकारी साझा करने को मना किया है. 


एनडीएमए ने शनिवार (14 जनवरी) सरकारी संस्थानों और अधिकारियों को मीडिया के साथ बातचीत करने और जमीन धंसने के संबंध में सोशल मीडिया पर डेटा साझा करने से मना किया है. इसके पीछे एनडीएमए ने तर्क दिया कि यह लोग डेटा की व्याख्या करके भ्रम पैदा कर रहे हैं.


एनडीएमए ने क्यों लिया फैसला? 
एनडीएमए ने कहा कि यह देखा गया है कि विभिन्न सरकारी संस्थान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में जोशीमठ को लेकर डेटा शेयर कर रहे हैं. साथ ही वे पूरी स्थिति को लेकर अपनी व्याख्या के साथ मीडिया से बात कर रहे हैं. एनडीटीवी (NDTV( ने एनडीएमए के लेटर का हवाला देते हुए बताया कि गुरुवार (12 जनवरी) को  गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया था. 


इसरो से भी किया गया अनुरोध
एनडीएमए ने लेटर में कहा कि मामले को लेकर एक्सर्पट ग्रुप बनाया गया है. इसमें आगे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से अनुरोध किया गया कि जब तक हम फाइनल रिपोर्ट जारी नहीं करते जोशीमठ को लेकर कोई जानकारी सोशल मीडिया पर साझा ना करिए.


बता दें कि इसरो ने जोशीमठ को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी. इसमें बताया था कि जोशीमठ 27 दिसंबर, 2022 और 8 जनवरी, 2023 के बीच 5.4 सेमी नीचे डूब गया है. रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि जमीन धंसने की यह घटना दो जनवरी से शुरू हुई. आए दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी और केंद्र सरकार के अदिकारियों को मामले को लेकर बैठक हो रही है. 


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