Joshimath Sinking: 'पहले मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया और अब हमारे घरों और होटलों को गिराया जा रहा है' जोशीमठ के लोग इस समय परेशानी की हर वो मार झेल रहे हैं जो उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. देर रात यहां लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. लोगों का आरोप है कि चोरों की तरह दरकती इमारतों को तोड़ा जा रहा है. दिन में इस तरह का एक्शन लिया जाए. रात के समय इमारतों को तोड़ने का काम गलत है. 


दरअसल, यहां रात के अंधेरे में प्रशासन की तरफ से होटल को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही थी. इसी के खिलाफ लोगों ने रोष जाहिर करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनका कहना है कि उनकी प्रशासन से बात हुई थी. सुबह 9 बजे के बाद इस तरह का एक्शन लेने की बात की गई थी. 


मुआवजे की मांग 


प्रदर्शनकारी मुआवजे को लेकर भी मांग कर रहे हैं. उनकी मांग है कि जब तक प्रशासन की तरफ से लिखित में नहीं दिया जाएगा कि उन्हें बद्रीनाथ की तर्ज पर मुआवजा मिलेगा तब तक इस तरह से घरों और इमारतों पर बुल्डोजर चलाना गलत है. लोगों को भविष्य की चिंता सता रही है. 


'चोरों की तरह घुसा प्रशासन'


विरोध करने वालों का कहना है कि प्रशासन चोरों की तरह घुसकर घरों को तोड़ रहा है. अभी तक यह नहीं बताया गया है कि मुआवजा मिलेगा या नहीं. रात को इस दौरान कुछ जनहानि हो गई तो क्या होगा. लोगों को कुछ नहीं बताया जा रहा है. केवल शिफ्ट कर देना हल नहीं है. बिना पैसे के लोग कहां जाएंगे. 


'एक कमरे में 6-7 परिवार'


जोशीमठ के लोगों का कहना है कि एक ही कमरे में 6 से 7 परिवारों को रखा जा रहा है. खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. आने वाले दिनों में बच्चों के स्कूल भी खुलने वाले हैं. ऐसे में आने वाले समय में क्या होगा. कैसे इसका समाधान निकाला जाएगा. लोगों में काफी नाराजगी देखी गई है. 


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