Joshimath Sinking: जोशीमठ में फूटा पीड़ितों का गुस्सा, बोले- 'हम टाइमबम पर बैठे, प्रशासन कर रहा बड़े हादसे का इंतजार'
Joshimath Residents Fear: चमोली प्रशासन ने जोशीमठ के सिंह धर वार्ड को बुरी तरह प्रभावित हिस्सा घोषित किया था. इसके बावजूद कई परिवार अपने क्षतिग्रस्त मकानों में ही रहने को मजबूर हैं.
![Joshimath Sinking: जोशीमठ में फूटा पीड़ितों का गुस्सा, बोले- 'हम टाइमबम पर बैठे, प्रशासन कर रहा बड़े हादसे का इंतजार' Joshimath Sinking Residents live in constant fear of Cracks relief camps land subsidence Uttarakhand Joshimath Sinking: जोशीमठ में फूटा पीड़ितों का गुस्सा, बोले- 'हम टाइमबम पर बैठे, प्रशासन कर रहा बड़े हादसे का इंतजार'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/12/c61e003a10ee753c3e5b45de0db29f371673491424981626_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव की संभावनाओं, मकानों और इमारतों पर पड़ी दरारें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. लोगों की नींद गायब हो चुकी है. दरअसल, जिन मकानों में दरारें सामने आई हैं, उनमें से कई लोगों को अभी भी जोशीमठ से राहत शिविरों में नहीं भेजा गया है. जानकारी के मुताबिक, जोशीमठ के 9 वार्डों के 723 घरों में दरारें सामने आई हैं, जिनमें से 86 मकान असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं. बाकी के मकानों में लोग दरारों को देखते हुए दिन-रात गुजारने को मजबूर हैं.
जोशीमठ में भूस्खलन के खतरे के बीच सिंहधर वार्ड की निवासी पुष्पा वर्मा का कहना है कि मैं रातभर अपने घर में पड़ी दरारों को देखती रहती हूं और ये डर लगा रहता है कि वो बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि हमारा घर कभी भी गिर सकता है, इस चिंता में मैं मुश्किल से ही सो पाती हूं. हमेशा लगने वाला ये डर भू-धंसाव से भी बदतर है. उन्होंने कहा कि वो राहत शिविर जाना चाहती हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन ने उनके घर को असुरक्षित घोषित नहीं किया है.
डर के मारे लोगों की उड़ी नींद
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुष्पा कहती हैं कि क्षतिग्रस्त मकान में रहने से अच्छा है, राहत शिविर में रह लिया जाए.उन्होंने कहा कि मैंने अपने बेटों, बहू और पोती को देहरादून में एक रिश्तेदार के घर भेज दिया है. मैं नहीं चाहती कि उनकी जिंदगी खतरे में पड़े. उन्होंने कहा कि बारिश का मौसम बन रहा है और कभी भी बरसात शुरू हो सकती है, जो स्थिति को और बिगाड़ देगी.
कई लोग भेजे गए राहत शिविर, लेकिन कई परिवार अभी भी मौजूद
चमोली प्रशासन ने जोशीमठ के सिंह धर वार्ड को बुरी तरह प्रभावित हिस्सा घोषित किया था. इसके बावजूद कई परिवार अपने क्षतिग्रस्त मकानों में ही रहने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके घरों को प्रशासन ने असुरक्षित नहीं घोषित किया है. 20 हजार की जनसंख्या वाले जोशीमठ में 86 घरों को असुरक्षित घोषित किया गया है और 145 परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
खतरे का अंदाजा, फिर भी रहने को मजबूर
पुष्पा वर्मा उन तमाम लोगों में से एक हैं, जिनके घरों में दरारें पड़ी हुई हैं. हालांकि, उनके जैसे कई लोग जोशीमठ में रहने को मजबूर हैं. जगदीश नेगी ने कहा कि सर्वे टीम ने बताया, उनके घरों की दरारें उतनी बड़ी नहीं हैं, जितनी नजर आती हैं. उन्होंने कहा कि संभव है, सर्वे टीम ने खतरे की संभावना के बारे में गलत आंकलन किया हो. उन्होंने कहा कि हमारे घर में पहले दरारें मामूली थीं, लेकिन अब चौड़ी होती जा रही हैं. उन्होंने कहा कि मेरी पांच महीने की एक बेटी है. हमें समय बर्बाद किए बिना यहां से निकाला जाना चाहिए.
क्या सर्वे टीम को नजर नहीं आ रहीं दरारें- स्थानीय निवासी
सिंह धर वार्ड के रहने वाले हरीश नेगी ने कहा कि 10 जनवरी को सर्वे टीम आई और नुकसान का जायजा लिया, लेकिन घर को असुरक्षित घोषित नहीं किया. उन्होंने कहा कि क्या टीम को दरारें नजर नहीं आ रही हैं, वे इतनी बड़ी हैं कि उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम टाइम बम पर बैठे है. ऐसे समय में प्रशासन को पहले से ही सक्रिय होना चाहिए और खतरे को देखते हुए सही फैसले लेने चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है, प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है.
दरारें बढ़ते ही लिया जा रहा है एक्शन- पीडब्ल्यूडी अधिकारी
पीडब्ल्यूडी अधिकारी सुदर्शन सिंह ने इस बारे में कहा कि हम जोशीमठ में हालातों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी घर में दरारें बढ़ती हैं, तो हम तत्काल जरूरी एक्शन लेते हैं. बता दें कि चमोली प्रशासन ने जोशीमठ में भू-धंसाव के खतरे को देखते हुए इसे तीन जोन खतरनाक, बफर और सुरक्षित में बांटा है.
प्रशासन के अनुसार, जिन घरों में ज्यादा नुकसान हुआ है और जो असुरक्षित हैं, उन्हें खतरनाक जोन में रखा गया है. जो घर कम खतरे वाली जगहों पर हैं, उन्हें बफर जोन में रखा गया है. वहीं, पूरी तरह से सुरक्षित घरों को सुरक्षित जोन में रखा गया है.
ये भी पढ़ें:
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)