Joshimath Sinking: जोशीमठ संकट को लेकर मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने प्रभावित लोगों के साथ बैठक की. इसमें जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. सुंदरम ने कहा केंद्र की कई एजेंसियां जोशीमठ में आई आपदा की जांच कर रही हैं. यह भी बताया कि अंतरिम राहत के तौर पर डेढ़ लाख रुपये दिए जाएंगे.
जोशीमठ में दरार के बाद कई घरों को तोड़ा जाना है. इनमें कुछ होटल भी शामिल हैं. घरों और होटलों को तोड़े जाने के लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है. विरोध के चलते मंगलवार (10 जनवरी) की रात ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने पहुंची टीम को वापस लौटना पड़ा. इसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें स्थानीय लोगों के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे.
डेढ़ लाख रुपये देने का फैसला
मीनाक्षी सुंदरम ने बताया "डेढ़ लाख प्रति परिवार को अंतरिम राहत के रूप में दिए जाने का निर्णय हुआ है. इसमें पचास हज़ार शिफ़्टिंग का खर्च है और एक लाख मुआवज़ा एडवांस है. कुछ लोग जोशीमठ से दूर नहीं जाना चाहते हैं. होटल वाले पीपलकोटी जाना चाहते हैं. लोगों की मांग है कि न्यू टिहरी की तरह न्यू जोशीमठ बनाया जाए."
बैठक के बारे में उन्होंने बताया कि "लोग लिखित में आश्वासन चाहते थे." साथ ही मीटिंग के मिनट्स साझा किए जाने की भी जानकारी दी. सुंदरम ने कहा, "बद्रीनाथ के बजाय वरुणावत की तर्ज़ पर पैकेज बनाया जा सकता है."
कम हो रहा खतरा
सुंदरम ने कहा "केंद्र की कई एजेंसियां जोशीमठ में आई आपदा की जांच पड़ताल कर रही हैं. हालांकि अब पानी की मात्रा घट रही है. खतरा कम होता दिख रहा है. सरकार लोगों की मंशा के अनुरूप पुनर्वास पैकेज तय करेगी."
उन्होंने बताया कि प्रशासन सबकी बात सुन रहा है. पुनर्वास पैकेज तय करते वक्त इन बातों का ख्याल रखा जाएगा. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर लोगों से बात चल रही है. लोग लिखित में आश्वासन चाहते हैं.
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