(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mumbai: 'मन की बात' पर किताब छापने के बहाने पत्रकार ने लोगों से की ठगी, आरोपी पहुंचा सलाखों के पीछे
Mumbai Police: आरोपी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करके लोगों से चंदा मांगा था. शिकायतकर्ता भी उसके झांसे में आ गया था.
Maharashtra News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम पर किताब प्रकाशित करने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में एक स्थानीय पत्रकार को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के भाषणों पर किताब छपवाने के नाम पर लोगों से ठगी की थी.
हिरासत में लिए गए स्थानीय पत्रकार आलोक तिवारी पर आरोप है कि वह सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम पर किताब प्रकाशित करने के नाम पर लोगों से चंदा ले रहा है. आनंद केशव सिंह नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस में इसकी शिकायत की. शिकायतकर्ता का दावा है कि उससे भी 4,001 रुपये वसूले गए हैं.
सोशल मीडिया पर मांग रहा था चंदा
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि किताब मार्च 2023 में प्रकाशित होगी और इसे देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा जारी किया जाएगा. शिकायत में कहा है कि पत्रकार ने सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाई कि उसकी किताब का विमोचन राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी. इसकी एवज में वह चंदा इकट्ठा कर रहा है.
गोरेगांव पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज
मुंबई के गोरेगांव पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है. पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, वह ‘सार ग्रंथ’ नाम से किताब छापने और मार्च में राष्ट्रपति द्वारा विमोचित कराने का दावा कर लोगों से ठगी की कोशिश कर रहा था. आरोपी ने इस बाबत सोशल मीडिया पर पत्र पोस्ट किए और जाने-माने लोगों को पत्र की प्रति भेजी. उन्होंने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर अपराध शाखा में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
जर्मनी में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी
ठगी का एक मामला यूपी के मेरठ से भी सामने आया है. यहां पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया, जोकि 35 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुका है. वो लोगों को विदेश में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगता था. उसने ये काम क्राइम पेट्रोल टीवी सीरियल देखकर शुरू किया था. पुलिस पूछताछ में आरोपी राजेंद्र सिंह ने बताया कि वह ठगी के लिए, ऑनलाइन एडवरटाइजिंग एजेंसी के जरिए अलग-अलग राज्यों के समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराता था. जिसमें लोगों को नौकरी के नाम पर विदेश भेजने सहित नई कंपनी खोलकर उसमें डायरेक्टर बनाने का भी झांसा देता था.
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