Gauri Lankesh murder accused welcomed: पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के आरोपी परशुराम वाघमारे और मनोहर यादव को 9 अक्टूबर को एक विशेष अदालत द्वारा जमानत मिल गई. इसके बाद उन्हें 11 अक्टूबर को बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा जेल से रिहा कर दिया गया. जैसे ही वो अपने घर विजयपुरा पहुंचा उसे स्थानीय प्रौ-हिंदू समर्थकों द्वारा फूलमाला, भगवा शॉल और खुशी के नारों के साथ भव्य स्वागत किया गया.


शिवाजी की मूर्ति के सामने श्रद्धांजलि


रिहा होने के बाद परशुराम वाघमारे और मनोहर यादव को विजयपुरा में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति पर जाकर माला पहनाया. इसके बाद वे कालीका मंदिर पहुंचे और वहां पूजा अर्चना की. उसके समर्थकों का कहना है कि उसे गलत तरीके से जेल में डाला गया था और अब उसकी रिहाई हो गई है. इस बीच, एक प्रमुख प्रौ-हिंदू नेता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "आज विजयादशमी का महत्वपूर्ण दिन है. परशुराम वाघमारे और मनोहर यादव को जिनके ऊपर गौरी लंकेश हत्या के मामले में छह साल तक गलत तरीके से जेल में रखा गया था, उनका स्वागत करना हमारे लिए गर्व की बात है. असली अपराधियों को अभी तक पकड़ा नहीं गया है, लेकिन इन लोगों को केवल इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि ये प्रौ-हिंदू कार्यकर्ता थे. उनके परिवारों ने भी बहुत कष्ट उठाया है, और इस अन्याय पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है."


गौरी लंकेश की हत्या और प्रतिक्रिया


गौरी लंकेश एक वरिष्ठ पत्रकार थीं और अपने वामपंथी विचारों के लिए जानी जाती थीं, 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में अपने घर के बाहर तीन मोटरसाइकिल पर सवार हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और इसके खिलाफ व्यापक विरोध हुआ था. गौरी लंकेश हत्याकांड में आरोपी व्यक्तियों के मुकदमे की त्वरित सुनवाई के लिए कर्नाटका के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दिसंबर 2023 में एक विशेष अदालत की स्थापना का आदेश दिया था.


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