साइबर फ्रॉड की शिकार हुईं पूर्व टीवी एंकर निधि राजदान, नहीं मिला था हार्वर्ड से कोई ऑफर
दरअसल वह फिशिंग की शिकार हुई हैं और उनको ऐसा कोई ऑफर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से नहीं आया. मामले के सामने आने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है और ईमेल के जरिए हुए कम्युनिकेशन की डीटेल्स पुलिस के साथ-साथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन को जांच के लिए सौंपी है.
साइबर जालसाजी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हर दिन कोई न कोई साइबर जालसाजी का शिकार हो रहा है. हालांकि अब एक पूर्व टीवी एंकर फिशिंग का शिकार हुई हैं. इस बात की जानकारी खुद टीवी एंकर निधि राजदान ने सोशल मीडिया पर दी है.
निधि राजदान ने ट्विटर पर बताया है कि वह फिशिंग की शिकार हुई हैं और उनके पास हार्वर्ड से कोई ऑफर आया ही नहीं था. बता दें कि पिछले साल निधि राजदान ने सोशल मीडिया पर ही बताया था कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रोफेसर की जॉब का ऑफर आया है और वह जिस चैनल में नौकरी कर रही हैं वहां से नौकरी छोड़कर इस असाइनमेंट को ले रही हैं. अब उनको पता चला है कि दरअसल वह फिशिंग की शिकार हुई हैं. उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है और ईमेल के जरिए हुए कम्युनिकेशन की डीटेल्स पुलिस के साथ-साथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन को जांच के लिए सौंपी है.
क्या लिखा ट्वीट में
निधि ने ट्वीट करते हुए लिखा,'' जनू 2020 में मैंने यह कहते हुए 21 सालों की नौकरी छोड़ी कि मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में जॉइन करने जा रही हूं. मुझे बताया गया था कि मैं सितंबर 2020 में यूनिवर्सिटी जॉइन करूंगी. मैं अपने नए असाइनमेंट की तैयारी कर रही थी इसी दौरान मुझे बताया गया कि महामारी की वजह से मेरी क्लासेस जनवरी 2021 में शुरू होंगी. लगातार हो रहे देर के बीच मेरे नोटिस में कई सारी प्रक्रियागत विसंगतियां आईं. शुरू में तो मैंने यह सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब न्यू नॉर्मल हैं पर हाल ही में जो कुछ हुआ वो ज्यादा परेशान करने वाला था. इसके बाद मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा और उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे."
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
उन्होंने आगे लिखा,'' यूनिवर्सिटी का पक्ष जानने के बाद मुझे पता चला कि मैं एक काफी सफिस्टकेटिड फिशिंग की शिकार हुई हूं और दरअसल मेरे पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर आया ही नहीं था.''