रायपुर: ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली के एक कथित मामले में गाजियाबाद से गिरफ्तार किए गए पत्रकार विनोद वर्मा को एक स्थानीय अदालत ने 31 अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था.


वर्मा के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि कल रात गाजियाबाद से ट्रांजिट रिमांड पर लाये गये वर्मा को आज शाम ज्युडीशियल मजिस्ट्रेट एस पी त्रिपाठी की अदालत में पेश किया गया. उन्होंने बताया कि अदालत ने उन्हें 31 अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.


वहीं बचाव पक्ष के वकील के मुताबिक पत्रकार ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत एक अर्जी देते हुए यह दावा किया कि उन्हें फंसाया गया है.


रिजवी ने बताया कि वर्मा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के दो प्रभावशाली मंत्रियों ने उनके खिलाफ साजिश रची और उनके पास से कोई सीडी जब्त नहीं हुई है. वकील ने यह भी बताया कि पुलिस हिरासत में विनोद वर्मा की जान को खतरा है.


मालूम हो कि शुक्रवार को गाजियाबाद में गिरफ्तार किए जाने के बाद वर्मा ने कहा था कि छत्तीसगढ़ के एक मंत्री के खिलाफ उनके पास एक सेक्स टेप है इसलिए उन्हे गिरफ्तार किया जा रहा है. वहीं रायपुर पुलिस के मुताबिक प्रकाश बजाज द्वारा दर्ज करायी गई एक शिकायत के आधार पर वर्मा को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया है.