एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

BJP के लिए क्यों इतने जरूरी हैं येदियुरप्पा, जानें क्लर्क से कर्नाटक के सूरमा बनने तक की कहानी

साल 1994, कर्नाटक में  येदियुरप्पा इतने मजबूत हो गए थे कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई. फिर 1999 में हुए चुनाव में उन्हें हार मिली तो उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया गया.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से राजनीतिक दलों की बैठकें शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने अपने कई उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के उम्मीदवारों के नामों को फाइनल करने के लिए बैठक की.

यहां के राजनीतिक व सामाजिक समीकरणों के पेच में उलझी राजनीति को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को अपने अभियान का चेहरा बनाया है. येदियुरप्पा इस राज्य के न सिर्फ वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, बल्कि सबसे प्रभावी लिंगायत समुदाय के प्रतिष्ठित नेता भी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सत्ता के 'शिखर' तक पहुंचने वाले  येदियुरप्पा का राजनीतिक सफर कैसा रहा और उन्होंने कैसे बदली कर्नाटक की राजनीति?

कर्नाटक का एक लड़का जो 15 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ा. बड़े होकर एक चावल के मील में बतौर क्लर्क काम किया. किसी ने तब शायद ही ये सोचा होगा कि यही लड़का आगे चलकर पूरे दक्षिण भारत की राजनीति को बदल डालेगा. हम यहां बात कर रहे है बीएस येदियुरप्पा की. 

वही येदियुरप्पा जिन्होंने दक्षिण में न केवल भारतीय जनता पार्टी का रास्ता खोला बल्कि कर्नाटक में बीजेपी को एक मजबूत पार्टी भी बनाया. येदियुरप्पा की मजबूती का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि जब साल 2011 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ा था. उसके अगले चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली थी. 

दक्षिण में बीजेपी को मजबूत बनाने वाले येदियुरप्पा कुछ समय पहले कर्नाटक की राजनीति से कहीं गायब हो गए थे. लेकिन अब साल 2023 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने है और एक बार फिर से कर्नाटक चुनाव के अभियान को बीएस येदियुरप्पा ही लीड कर रहे है. ऐसे में सवाल उठता है कि राजनीति से लगभग गायब हो जाने के बाद भी बीजेपी ने वापस से बीएस येदियुरप्पा को ही चुनावी अभियान संभालने का काम क्यों दिया? 

बीएस येदियुरप्पा  का जन्म कर्नाटक के मांड्या जिले में हुआ था. कुछ वक्त उन्होंने चावल मील में भी काम किया. लेकिन फिर उन्होंने वो नौकरी छोड़ दी. साल 1970 में येदियुरप्पा आरएसएस के शिकारपुरा  नगर पालिका से सदस्य चुने गए फिर 1975 में वो वही से अध्यक्ष बने. 

लेकिन उस समय भी किसी को नहीं पता था वो इंसान आगे चल कर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा. बीजेपी में येदियुरप्पा की एंट्री साल 1980 में हुई . फिर 1983 में येदियुरप्पा शिकारपुरा से विधायक बने. बस फिर क्या था उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 1994 में  येदियुरप्पा इतने मजबूत हो गए थे कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई. फिर 1999 में हुए चुनाव में उन्हें हार मिली तो उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया गया. लेकिन 2004 में जीत के बाद एक बार फिर वो नेता प्रतिपक्ष बने. 

फिर आया साल 2006 जब येदियुरप्पा उप मुख्यमंत्री बने. लेकिन उन्हें तो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी थी. जेडीएस के साथ साल 2006 में गठबंधन टूटा लेकिन 2007 में जेडीएस ने बीजेपी को समर्थन दिया और इस बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली  बीएस येदियुरप्पा ने हालांकि ये सरकार 10 दिन भी सही ढंग से नहीं चल पाई. लेकिन कर्नाटक में साल 2008 में विधानसभा चुनाव हुए और इस बार  येदियुरप्पा दूसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने. 

भ्रष्टाचार के आरोप

हालांकि कई नेताओं की तरह ही येदियुरप्पा का भी काला दौर आया. जब साल 2011-12 में उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. लोकायुक्त संतोष हेगड़े की जांच में उनका नाम घोटाले में आया. आरोप इतने गंभीर थे कि येदियुरप्पा को विधानसभा से इस्तीफा देना पड़ गया. इतना ही नहीं उन्हें बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता भी खोनी पड़ी. लेकिन फिर उन्होंने खुद की पार्टी कर्नाटक जनता पक्ष बनाई. 

येदियुरप्पा के जाने का नुकसान बीजेपी को साफ़ तौर पर मिला और साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 40 सीटों पर सिमट गई. जो बीजेपी साल 2008 के चुनाव में 110 सीटें जीतने में कामयाब रही थी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था.  

हालांकि साल 2014 में एक बार फिर से येदियुरप्पा ने बीजेपी से हाथ मिलाया और अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में किया. फिर 2014 में  येदियुरप्पा शिमोगा से जीत कर संसद पहुंचे. हालांकि उन्होंने कर्नाटक में ही काम करने का मन बनाया और 2016 में वो बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बने. 

साल 2018 में बीएस येदियुरप्पा ने बीजेपी को कर्नाटक में 104 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनाया.फिर बीजेपी की  सरकार बनी लेकिन ज्यादा दिनों तक टीक नहीं पाई. उसके बाद कांग्रेस के समर्थन से  कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने. हालांकि फिर कुमारस्वामी की सरकार भी गिर गई और एक बार फिर बीजेपी की एंट्री हुई. और चौथी बार  येदियुरप्पा  ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

फिर बीजेपी ने एक बड़ा कदम उठया और कर्नाटक के मुख्यमंत्री को ही बदल डाला. हालांकि बीजेपी ने  येदियुरप्पा के उम्र का हवाला दिया. लेकिन जो लोग दक्षिण की राजनीति को समझते है उनका ये मानना है कि ऐसा बस इसलिए नहीं हुआ था. 2019 को जब बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद संभाला उसके बाद से ही एक और नाम कर्नाटक के अधिकारियों और वहां के आम लोगों की जुबान पर चढ़ गया था. वो नाम था विजयेंद्र का. 

कौन है विजयेंद्र?

तो विजयेंद्र बीएस येदियुरप्पा के दूसरे बेटे हैं और उन्हें ही येदियुरप्पा का सियासी उत्तराधिकारी भी माना जाता है. येदियुरप्पा के इस कार्यकाल के दौरान लोग बताते हैं कि मुख्यमंत्री भले ही येदियुरप्पा हों लेकिन काम तो विजयेंद्र ही करते थे और इसकी वजह से बीजेपी में नाराजगी भी थी. तभी तो फरवरी 2020 में ही बीजेपी के लोगों ने ही चार पन्ने का एक पत्र लिखा था और कहा था कि विजयेंद्र मुख्यमंत्री के तौर पर व्यवहार कर रहे हैं. तब से ही येदियुरप्पा के खिलाफ माहौल बनना शुरू हुआ.  

एक्सपर्ट्स का मानना है कि येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद के बाद बीजेपी नहीं चाहती थी कि लिंगायत समुदाय उनसे नाराज हो जाए. दरअसल येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते है तो बीजेपी ने उनकी जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन उनके मुख्यमंत्री बनने का पार्टी को कुछ खास फायदा नहीं मिला. और यही वो कारण है कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव कम्पैन में  येदियुरप्पा काफी नज़र आ रहे है. तो इससे ये साबित हो गया कि येदियुरप्पा फैक्टर बीजेपी के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है और वो इस विधानसभा चुनाव में सीधे तौर पर देखने को भी मिल रहा है.

विजयेंद्र ने शुरुआत में वकालत की. इसके बाद राजनीति में उनकी एंट्री भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) नामक पार्टी से हुई, जहां उन्होंने पार्टी की युवा शाखा के महासचिव के रूप में बीजेपी की सेवा शुरू की. इसके तुरंत बाद, साल 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के करीब आते ही बीजेपी के भीतर से सुगबुगाहट शुरू हुई और मैसूर के वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज सिद्धारमैया के अपोजिट विजयेंद्र को लड़वाने की कुछ लोगों ने मांग की. लेकिन, उन्हें टिकट नहीं दिया गया.

कर्नाटक में बीजेपी-कांग्रेस मे होगी कांटे की टक्कर

बता दें कि इस साल 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों को 'सत्ता का सेमीफाइनल' कहा जा रहा है. वहीं कर्नाटक की बात करें तो पिछले साल इस राज्य में हिजाब सहित कई मुद्दे लगातार सुर्खियों में छाए रहे. बीजेपी इस बार के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. 

वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी कमर कस ली है. हालांकि, डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच की सियासी खींचतान कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. वहीं, क्षेत्रीय दल जेडीएस कन्नड़ गौरव की बात करते हुए किंगमेकर की भूमिका में आकर एचडी कुमारस्वामी को फिर से सीएम पद पर देखने की ख्वाहिश पाल रहा है.

वहीं, बीजेपी के करीबी रहे रेड्डी बंधुओं में से एक जनार्दन रेड्डी ने अलग पार्टी बनाकर बीजेपी के माथे पर बल ला दिए हैं. कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन को लेकर अब तक फैसला नहीं हुआ है, तो कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे देखना दिलचस्प होगा.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

UP ByPolls 2024: यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
Maharashtra-Jharkhand Assembly Election Results 2024: आ गया पहला रुझान, जानिए महाराष्ट्र-झारखंड में कौन आगे कौन पीछे
आ गया पहला रुझान, जानिए महाराष्ट्र-झारखंड में कौन आगे कौन पीछे
UP By-Election Results 2024 Live: यूपी उपचुनाव में बदला समीकरण, रुझानों में बीजेपी 6 और सपा 3 सीट पर आगे
Live: यूपी उपचुनाव में बदला समीकरण, रुझानों में बीजेपी 6 और सपा 3 सीट पर आगे
Zomato In Sensex: जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election Result : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी 25 सीटों पर आगेJharkhand Election Result : झारखंड विधानसभा चुनाव में BJP- Congress में कांटे की टक्करJharkhand Election Result : झारखंड विधानसभा चुनाव में BJP 5 तो Congress 3 सीटों पर आगे !Maharashtra Election Result : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों का समय आया, कुछ ही देर में पहला रुझान

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
UP ByPolls 2024: यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
Maharashtra-Jharkhand Assembly Election Results 2024: आ गया पहला रुझान, जानिए महाराष्ट्र-झारखंड में कौन आगे कौन पीछे
आ गया पहला रुझान, जानिए महाराष्ट्र-झारखंड में कौन आगे कौन पीछे
UP By-Election Results 2024 Live: यूपी उपचुनाव में बदला समीकरण, रुझानों में बीजेपी 6 और सपा 3 सीट पर आगे
Live: यूपी उपचुनाव में बदला समीकरण, रुझानों में बीजेपी 6 और सपा 3 सीट पर आगे
Zomato In Sensex: जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
IND vs AUS 1st Test 2nd Day Live: ऑस्ट्रेलिया को लगा 9वां झटका, हर्षित राणा ने नाथन लियोन को भेजा पवेलियन; 79 रन पर पहुंचा स्कोरबोर्ड
ऑस्ट्रेलिया को लगा 9वां झटका, हर्षित राणा ने नाथन लियोन को भेजा पवेलियन
एयर पॉल्यूशन के कारण किडनी पर पड़ता है बुरा असर, जानें लक्षण और बचाव का तरीका
एयर पॉल्यूशन के कारण किडनी पर पड़ता है बुरा असर, जानें लक्षण और बचाव का तरीका
छत्तीसगढ़ के मंत्री रामविचार नेताम सड़क हादसे में घायल, कार पिकअप से टकराई, हालत गंभीर
छत्तीसगढ़ के मंत्री रामविचार नेताम सड़क हादसे में घायल, कार पिकअप से टकराई, हालत गंभीर
Study Abroad: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मिल रहा फ्री कोर्स का मौका, ये कोर्स हैं शामिल
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मिल रहा फ्री कोर्स का मौका, ये कोर्स हैं शामिल
Embed widget