West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल बीजेपी में फिर शुरू हुई अंदरूनी लड़ाई, जय बनर्जी ने प्रदेश अध्यक्ष की योग्यता पर उठाए सवाल
West Bengal BJP: जय बनर्जी ने बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि जो अभी तक राजनीतिक परिपक्वता तक नहीं पहुंचे हैं वो जय बनर्जी को जज कर रहे हैं.
West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल बीजेपी में एक बार फिर से अंदरूनी कलह सबके सामने है. जय बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेतृत्व की निंदा की है. उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की योग्यता का लेकर सवाल करते हुए बंगाल बीजेपी अध्यक्ष को बोतल नेता तक करार दिया. जय बनर्जी ने कहा कि बीजेपी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह जीती है या नहीं. जय बनर्जी ने प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार पर कटाक्ष किया. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में हो रही है, लेकिन दिल्ली की ओर से कहा गया है कि सिर्फ दिलीप घोष ही आएंगे. उन्होंने सुकांत मजूमदार का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वह केवल नाम मात्र के अध्यक्ष हैं.
प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफे की मांग
जय बनर्जी ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सुकांत मजूमदार की योग्यता पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि भवानीपुर में बीजेपी भले ही अपना चेहरा दिखाने में सफल रही हो, लेकिन बाकी 4 विधानसभा उपचुनावों में उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है. जय ने उनका यह कहते हुए उपहास उड़ाया कि उन्हें घटना के बाद इस्तीफा दे देना चाहिए था. इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि जय बनर्जी ने बंगाल में योगदान दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल के लोग जय को जानते और प्यार करते हैं. पार्टी छोड़ने की खबर सुनकर कई कार्यकर्ताओं ने उन्हें फोन किया और रोने लगे.
जय बनर्जी ने सुकांत मजूमदार को बुरा आदमी बताया और कहा कि इस घटना ने साबित कर दिया कि जय बनर्जी सही रास्ते पर थे. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी में अब मिट्टी की गंध नहीं है, बीजेपी के अलावा आम लोग नहीं हैं तो यह बीजेपी अब इस राज्य में आगे नहीं बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि जो अभी तक राजनीतिक परिपक्वता तक नहीं पहुंचे हैं, जिन्होंने अभी तक बात करना बंद नहीं किया है, वे जय बनर्जी को जज कर रहे हैं. दार्जिलिंग से लेकर डायमंड हार्बर तक हर जगह बनर्जी की ये जीत सत्ता से हो रही है.
''बंगाल की मानसिकता को समझना जरुरी''
जय बनर्जी ने दावा किया कि अगर बंगाल की मानसिकता और भावनाओं को समझने वालों के साथ चर्चा किए बिना पार्टी केवल आतंकवाद और धांधली के बारे में बात करती रही तो पार्टी और अलग थलग हो जाएगी. क्योंकि धांधली से 1.5 लाख से ज्यादा वोट नहीं मिल सकते. और जो लोग ऐसा कहने की कोशिश कर रहे हैं, वे खुद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष समेत प्रदेश नेतृत्व को बोतल नेता बताकर उनका मजाक उड़ा रहे हैं.
उन्होंने इन नेताओं की योग्यता पर सवाल उठाया. उन्होंने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर भी तंज कसते हुए कहा कि जब कार्यकर्ताओं की पिटाई की जा रही थी तो वे ढोल बजाती महिलाओं से घिरे बगीचे में बैठे थे. इसलिए बंगाल के लोगों ने उसे भगा दिया. उन्होंने कर्मचारियों को एक संदेश में कहा कि वह उनके लिए सदमे में हैं. लेकिन उनके पास बीजेपी में शामिल होने के अलावा कोई चारा नहीं था.
जय बनर्जी ने शिकायत की कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है और अपमानित किया जा रहा है लेकिन नेता कार्यकर्ताओं को कोई दिशा नहीं दिखा सके. बीजेपी के लोग मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में प्रवेश करने से डरते थे, जहां उन्होंने बीजेपी का झंडा फहराया है.
उल्लेखनीय है कि बीजेपी के पूर्व सह अध्यक्ष जय बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेल के जरिए पार्टी छोड़ने की जानकारी दी थी. तब से उनकी पार्टी राज्य बीजेपी के अंदरूनी घेरे में लड़ रही है. लेकिन बीजेपी के अन्य प्रदेश नेताओं ने विरोधाभासी बयानों से इस मुद्दे को छिपाने की कोशिश की है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस तरह से बीजेपी नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, उससे राजनीतिक गलियारा असहमत नहीं है.
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