JP Nadda Slams Congress: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से रविवार (22 अक्टूबर) को केंद्र पर सेना और ब्यूरोक्रेसी के राजनीतिकरण का आरोप लगाए जाने के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पलटवार किया है.


मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार हमेशा केवल प्रचार में ही लगी रहती है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ''जब उनके (मोदी सरकार) खिलाफ देश में एक माहौल बन रहा है तब उन्होंने एक आदेश निकाला है कि अफसर अब उनकी सरकार के प्रचार के लिए  'रथ प्रभारी' बनेंगे. अब वो सरकारी काम छोड़कर सरकार की रथ यात्रा निकालेंगे. इससे पहले फौजियों को भी आदेश दे दिया है कि जब वो छुट्टी पर घर जाएंतो सरकारी योजनाओं का प्रचार करें...''


मल्लिकार्जुन खरगे के आरोप पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का पलटवार 


मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से लगाए गए आरोपों पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने X हैंडल से पोस्ट करके जवाब दिया. एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, '' शायद कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक अलग अवधारणा है, लेकिन सार्वजनिक सेवा प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है.'' 


उन्होंने आगे लिखा, ''अगर मोदी सरकार सभी योजनाओं की परिपूर्णता सुनिश्चित करना चाहती है और सभी लाभार्थियों तक पहुंचना सुनिश्चित करना चाहती है तो गरीबों के हित को ध्यान में रखने वाले किसी भी व्यक्ति को समस्या नहीं हो सकती है.'' इसी के साथ उन्होंने कहा, ''लेकिन कांग्रेस की रुचि केवल गरीबों को गरीबी में रखने में है और इसलिए वह सैचुरेशन ड्राइव (परिपूर्णता अभियान) का विरोध कर रही है.''






और क्या बोले कांग्रेस अध्यक्ष?


मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ''सरकारी अफसरों का काम रथ यात्रा निकालना नहीं है, फौजी का काम सरकार का प्रचार करना नहीं है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि अफसरों और फौजियों का इस तरह से कोई सरकार प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रही है...'' उन्होंने केंद्र निशाना साधते हुए कहा, ''अपनी योजनाओं के प्रचार के लिए फौजियों और अफसरों का इस्तेमाल मत कीजिए.'' 


इसी के साथ खरगे ने बीजेपी पर देश को कमजोर करने और लोकतांत्रिक सिस्टम को खत्म करने का आरोप लगाया है और कहा, ''इसीलिए हमने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा है और इन आदेशों को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है.''


खरगे के 'रथ प्रभारी' वाले तंज पर नड्डा का जवाब


एक और पोस्ट में जेपी नड्डा ने कहा, ''यह देखकर हैरानी होती है कि कांग्रेस को योजनाओं की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर तक पहुंचने वाले पब्लिक सर्वेंट्स से दिक्कत है. अगर यह शासन का मूल सिद्धांत नहीं है तो क्या है?'' उन्होंने परोक्ष रूप से मल्लिकार्जुन खरगे को जवाब दिया, ''रथ' के विरोध के संबंध में यह युद्धपोतों को निजी नौकाओं के रूप में उपयोग करने के उलट सार्वजनिक संसाधनों का सही इस्तेमाल है.''


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