Brahmin Voters In Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की अनदेखी का आरोप झेल रही बीजेपी ने अब उन्हें मनाने की कोशिशें तेज़ कर दी है. इसके लिए पार्टी के ब्राह्मण नेताओं को राज्य के अलग-अलग इलाकों में ब्राह्मण समाज के लोगों से मिलकर उनकी नाराज़गी दूर करने को कहा गया है. पार्टी लागातार बनती जा रही धारणा से चिंतित है जिसमें प्रदेश के ब्राह्मणों को बीजेपी से नाराज़ बताया जा रहा है. इसी धारणा की काट के लिए राज्य से पार्टी के बड़े ब्राह्मण नेताओं को उतारने का फ़ैसला किया है. इसी सिलसिले में आज पार्टी के ब्राह्मण नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाक़ात की. 


मुलाक़ात करने वाले नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, उत्तर प्रदेश के क़ानून मंत्री ब्रजेश पाठक, राज्य के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा समेत कई अन्य नेता शामिल थे. मुलाक़ात के दौरान अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा नाम के संगठन की ओर से नड्डा को एक मांग पत्र भी सौंपा गया. सूत्रों के मुताबिक़ मांग पत्र में परशुराम जयंती पर छुट्टी घोषित करने और प्रसिद्ध इतिहासकार रामचन्द्र शुक्ला के पैतृक निवास को स्मारक घोषित करने जैसी मांगें शामिल हैं.


ब्राह्मण समाज तक अपनी बात पहुंचाने के लिए पार्टी ने एक कमिटी का गठन किया है. सबसे बड़ी बात ये है कि इस कमिटी की अगुवाई पूर्वांचल से पार्टी के बड़े ब्राह्मण नेता शिव प्रकाश शुक्ला कर रहे हैं. योगी आदित्यनाथ और शुक्ला के बीच सियासी छत्तीस का आंकड़ा जगज़ाहिर है. ऐसे में माना जा रहा है कि शुक्ला को आगे करके पार्टी ने एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. हालांकि ब्राह्मण नेताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण बीजेपी के साथ हैं.


बता दें कि रविवार को भी पार्टी के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पार्टी के सभी बड़े ब्राह्मण नेताओं से मुलाक़ात की थी. कल की मुलाक़ात में विवादित ब्राह्मण नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी मिश्रा भी मौजूद रहे. टेनी को भी ब्राह्मणों को मनाने की इस कोशिश में एक अहम भूमिका देने की बात चल रही है.