पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है. इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा जाएगी सुरक्षा में चूक क्यों और कैसे हुई. बंगाल बीजेपी चीफ दिलीप घोष ने अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी.
इससे पहले पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए जेपी नड्डा को बुधवार को तृणमूल कांग्रेस समर्थकों की ओर से कथित रूप से काले झंडे दिखाए गए. नड्डा जब पार्टी के चुनाव कार्यालय का उट्घाटन करने के लिए कोलकाता के हेस्टिंग्स क्षेत्र पहुंचे तो उन्हें काले झंडे दिखाए गए. यह घटना नए खोले गए कार्यालय के बाहर घटित हुई. जब नड्डा यहां पहुंचे तो लगभग 50 लोगों ने काले झंडे लहराने की कोशिश की और नड्डा के इमारत में घुसने पर 'भाजपा वापस जाओ' के नारे भी सुनाई दिए. इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता भी इमारत से बाहर आ गए और नारेबाजी करने लगे.
राज्य के भाजपा नेताओं के सामने आने के बाद पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को करीब आने से रोक दिया. इस घटना के तुरंत बाद प्रदर्शनकारी मौके से चले गए. कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "कोई अप्रिय झड़प या हाथापाई नहीं हुई. दोनों पक्ष शांतिपूर्वक से घटनास्थल से वापस चले गए थे."
"ममता बनर्जी असहिष्णुता का पर्याय"
नड्डा ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्हें भूमि 'असहिष्णुता' का पर्याय बताया. कोलकाता में आयोजित एक रैली में भाजपा प्रमुख ने कहा, "बंगाल में असहिष्णुता बढ़ रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी..आपका नाम असहिष्णुता है."
उन्होंने कहा कि भाजपा 200 से अधिक सीटों के साथ सत्ता में आएगी और बंगाल में अगली सरकार बनाएगी.
वंशवाद की राजनीति को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हमला करते हुए नड्डा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस एक परिवार पार्टी बन गई है.
उन्होंने कहा, "लेकिन भाजपा के लिए, पार्टी एक परिवार है. यह हमारी विचारधारा है कि पार्टी कार्यालय, जहां परिवार काम करता है, वह किसी नेता का घर नहीं है."
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