जेपी नड्डा ने साधा राहुल गांधी पर निशाना, कहा- 2008 में समझौते ज्ञापन पर किये थे चीन के साथ हस्ताक्षर
जेपी नड्डा ने कहा कि इस नाजुक स्थितियों के दौरान राहुल गांधी राष्ट्र को विभाजित करने और सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं. क्या ये सब एमओयू का प्रभाव है?”
नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर “देश को विभाजित’’ करने की कोशिश करने और नाजुक स्थितियों में सशस्त्र बलों का “मनोबल गिराने” का आरोप लगाया है. उन्होंने साथ ही पूछा कि क्या यह उस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का ‘‘असर” है जिस पर कांग्रेस ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के साथ हस्ताक्षर किए थे.
जेपी नड्डा ने कहा राहुल गांधी सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने की कर रहे है कोशिश
नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, “पहले, कांग्रेस चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करती है. फिर, कांग्रेस चीन को भूमि सौंप देती है. डोकलाम मुद्दे के दौरान, राहुल गांधी गुपचुप तरीके से चीनी दूतावास जाते हैं. नाजुक स्थितियों के दौरान, राहुल गांधी राष्ट्र को विभाजित करने और सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने की कोशिश करते हैं. क्या ये सब एमओयू का प्रभाव है?”
First, Congress signs MoU with Chinese Communist Party.
Then, Congress surrenders land to China. During Doklam issue, Rahul Gandhi secretly goes to Chinese embassy. During crucial situations, Rahul Gandhi tries to divide the nation & demoralise armed forces. Effects of MoU? pic.twitter.com/Z3WJhpt4Ol — Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 23, 2020
दोनों पार्टियों ने महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक दूसरे से परामर्श लेने और उच्च स्तरीय संपर्क को सुलभ बनाने के लिए 2008 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने के नरेंद्र मोदी सरकार के तरीके के खिलाफ कांग्रेस के बढ़ते आक्रामक रुख पर पलटवार करने के लिए बीजेपी इस एमओयू का हवाला दे रही है.
साल 2008 में राहुल गांधी ने चीन के राष्ट्रपति के साथ समझौता ज्ञापन पर किये थे हस्ताक्षर
2008 में, कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव राहुल गांधी और पार्टी के तत्कालीन वरिष्ठ पदाधिकारी और चीन के मौजूदा राष्ट्रपति, शी चिनफिंग ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले हफ्ते चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में करीब 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे जिसके बाद से सीमा पर तनाव बढ़ गया है.
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