नए कलेवर में सामने आएगा वक्फ संशोधन बिल! जेपीसी ने मंजूर किए सत्तापक्ष के 14 संशोधन प्रस्ताव
JPC On Waqf Bill: जेपीसी की बैठक में कुल 44 संशोधनों पर चर्चा की गई. कुल छह महीने की चर्चाओं के बाद बैठक में सभी सदस्योंं से संशोधन मांगे गए थे. ये जेपीसी की अंतिम बैठक थी.

JPC On Waqf Bill: वक्फ को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त समिति की बैठक (जेपीसी) में तय हो गया है कि लोकसभा में पेश किया गया वक्फ बिल अब एक नए स्वरूप में फिर से लाया जाएगा. जेपीसी ने सोमवार (27 जनवरी, 2025) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गठबंधन के सदस्यों की ओर से प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया तो वहीं विपक्षी सांसदों की ओर से पेश किए गए हर बदलाव को नकार दिया है.
जेपीसी के सामने विपक्ष की ओर से वक्फ संशोधन बिल के कुल 44 खंडो में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था, जो अस्वीकार हो गया. वहीं सत्ता पक्ष से जुड़े हुए सांसदों ने जो 14 खंडो में संशोधन का प्रस्ताव दिया था वह स्वीकार हो गया है. आसान शब्दों में बात करें तो लोकसभा में पेश हुए वक्फ संशोधन बिल में कुल 44 अलग अलग प्रावधान रखे गए थे, लेकिन जब बिल संसद की संयुक्त समिति के सामने आया तो सिर्फ सत्ता पक्ष के 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया.
सूत्रों के मिली जानकारी मुताबिक वक्फ संशोधन बिल में यह प्रस्ताव हुए मंजूर
1- कलेक्टर या उससे ऊपर का अधिकारी, जिसको सरकार की ओर से चुना जाएगा वो तय करेगा की संपत्ति वक्फ के अधीन आती है या नहीं. अभी तक वक्फ संशोधन बिल में कहा गया था कि जिला का कलेक्टर तय करेगा की संपत्ति वक्फ के अधीन आती है या नहीं
2- वक्फ ट्रिब्यूनल में दो कि जगह तीन सदस्य होंगे, जिसमें अब एक इस्लामिक स्कॉलर नया जुड़ेगा. अभी तक वक्फ संशोधन बिल में ट्रिब्यूनल में दो सदस्य रखने की बात की गई थी.
3- समिति में पारित हुए प्रस्ताव के मुताबिक, वक्फ बोर्ड/कौंसिल में कम से कम दो गैर मुस्लिम सदस्य तो रहेंगे ही. इस लिहाज से वक्फ बोर्ड/कौंसिल में अब तक जो राज्य/केंद्र के अधिकारी रहते थे ( गैर मुस्लिम या मुस्लिम) उनके अलावा भी कम से कम दो गैर मुस्लिम सदस्य रहेंगे ही, जबकि वक्फ संसोधन बिल के मुताबिक वक्फ बोर्ड में पहले 2 गैर मुस्लिम सदस्यों की बात थी. इसमें वक्फ बोर्ड के साथ काम करने वाले अधिकारी यानी एक्स ऑफिशियो भी शामिल थे.
बिल के इस प्रावधान पर हो सकता है बवाल -
1- सूत्रों के मुताबिक, जेपीसी की ओर से स्वीकार किए गए वक्फ बोर्ड/कौंसिल में गैर मुस्लिम सदस्यों की संख्या बढ़ाने वाला प्रस्ताव को लेकर हंगामा हो सकता है. कारण यह है कि जो लोग वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे थे उनकी आपत्ति इस बात को लेकर थी कि आखिर वक्फ बोर्ड/कौंसिल में गैर मुस्लिम लोगों की क्या जरूरत. कमेटी ने गैर मुस्लिम लोगों की संख्या, जो पहले बिल में ज्यादातर दो की गई थी उसे अब कम से कम दो कर दिया गया है.
2- कमेटी की ओर से पास किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति, जो ये दावा करता है कि वह पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहा है, उसे यह साबित भी करना होगा. इसके बाद ही वह अपनी संपत्ति को वक्फ में दे सकता है. शर्त ये है कि वह संपत्ति किसी तरह के विवाद में न हो, जबकि वक्फ संशोधन बिल में कहा गया था कि वक्फ को वही जमीन दान कर सकता है, जो पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहा हो. हालांकि, सूत्र इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि इस संसोधन प्रस्ताव को लाने का मकसद ऐसे मामलों में कमी लाने का है, जहां पर धर्म परिवर्तन करते ही संपत्ति वक्फ को दान करवा दी जाती है.
3- सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वैसे तो कुल 14 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर हुआ है, लेकिन ये कुछ अहम संशोधन है, जो बिल के मौजूदा प्रारूप में किए जाएंगे. हालांकि, इसके अलावा भी कई और संशोधन होने हैं, लेकिन अब तक सामने आयी जानकारी के मुताबिक, उनमें यह चार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं.
31में से 16 सदस्य ही थे मौजूद
जेपीसी में जो संशोधन पास हुए हैं, वह सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से हर एक संशोधन पर हुई वोटिंग के बाद पास हुए हैं. जेपीसी की सोमवार (27 जनवरी, 2025) को हुई बैठक के दौरान कुल 31 से में 26 सदस्य ही मौजूद थे, जिसमें से 16 सत्ता पक्ष के थे और 10 विपक्ष के थे. यही कारण था कि विपक्ष की ओर से लाए गए तमाम प्रस्ताव नकार दिए गए.
29 जनवरी को होगी अगली बैठेक
अब संसद जेपीसी की अगली बैठक 29 जनवरी, 2025 को होगी, जब कमेटी के सदस्यों को मौजूदा संशोधन के साथ बिल ड्राफ्ट रिपोर्ट्स सौंपी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, बिल की यह ड्राफ्ट रिपोर्ट करीब 500 से ज्यादा पन्नों की है. हालांकि, अगर कमेटी में मौजूद विपक्षी सांसद इस पर अपना विरोध दर्ज करवाते हैं, जिसको डीसेंट नोट कहते हैं तो उनके विरोध का हिस्सा भी इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में शामिल कर लिया जाएगा.
लोकसभा स्पीकर को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
माना यह जा रहा है कि 31 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान वक्फ बिल को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त समिति की यह ड्राफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंप दी जाएगी. इसके बाद नियमों के मुताबिक, कमेटी की ओर से दिए गए संशोधन के साथ बिल को एक नए स्वरूप में सदन में लेकर आया जाएगा, जिस पर एक नए सिरे से चर्चा होगी. इसके बाद ही सदन में बिल को पास करवाने को लेकर कार्रवाई आगे बढ़ेगी.
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