BPSC Candidates Protest: बिहार के पटना में विरोध प्रदर्शन कर रहे बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) के कैंडिडेट्स और जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर के बीच रविवार (29 दिसंबर, 2024) को तीखी नोंकझोंक देखने को मिली. अभ्यर्थियों ने उन पर पुलिस कार्रवाई के दौरान गैर हाजिर होने का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारियों ने प्रशांत किशोर से प्रदर्शन स्थल से चले जाने के लिए कहा.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जब प्रशांत किशोर प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे तो छात्रों ने "प्रशांत किशोर वापस जाओ" के नारे लगाने शुरू कर दिए, इसके बाद छात्र नेताओं के साथ उनकी तीखी बहस हुई. स्थिति तब और बिगड़ गई जब उन्होंने कहा, "आप हमसे कंबल लेते हैं और फिर हमें ही एटिट्यूड दिखाते हैं." पुलिस लाठीचार्ज और वाटर कैनन से परेशान प्रदर्शनकारी इस पर और भड़क गए. उन्होंने पीके से पूछा, “लाठीचार्ज के दौरान प्रशांत किशोर कहां थे?”
प्रदर्शनकारियों के आरोप का प्रशांत किशोर ने दिया जवाब
लाठीचार्ज के दौरान उनकी अनुपस्थिति को लेकर प्रशांत किशोर ने सोमवार (30 दिसंबर, 2024) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने आरोपों का खंडन किया और घटना को लेकर पूरी जानकारी दी. साथ ही उन्होंने छात्रों के मुद्दे को लेकर अपने समर्थन की पुष्टि की. पीके ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्र आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे, जैसा कि ‘छात्र संसद’ के दौरान तय किया गया था.
प्रशांत किशोर ने बताया कि छात्रों को वहां से चले जाने की सलाह देने के बाद वे वहां से चले गए, जिसके 45 मिनट बाद लाठीचार्ज हुई. उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और पटना पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, मामले को अदालत में ले जाने और मानवाधिकार आयोग से संपर्क करने की भी बात कही.
‘नहीं निकला समाधान तो 2 जनवरी के प्रदर्शन में होंगे शामिल’
उन्होंने ये भी चेतावनी दी कि अगर प्रतिनिधिमंडल की बैठक में कोई समाधान नहीं निकला तो वह 2 जनवरी से शुरू होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के आरोपों के जवाब में किशोर ने छात्रों को छोड़ने की बात से इनकार किया और कहा कि उन्होंने छात्रों के हित में काम किया है.
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