Abhijit Gangopadhyay: पॉलिटिक्स के लिए जूडीशियरी छोड़ेंगे जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय, BJP-कांग्रेस या CPM में जाने को तैयार
Abhijit Gangopadhyay: जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 2018 में कलकत्ता हाईकोर्ट ज्वॉइन किया था. वह अगस्त 2024 में रिटायर होने वाले हैं.

Justice Abhijit Gangopadhyay Join Politics: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा है कि वह जूडीशियरी छोड़ रहे हैं. रविवार (3 मार्च, 2024) को उन्होंने साफ किया कि वह ऐसा पॉलिटिक्स ज्वॉइन करने के लिए कर रहे हैं. हमारे सहयोगी चैनल एबीपी आनंदा से हुई बातचीत में वह बोले- सूबे में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं की ओर से मुझे कई बार चुनौती दी गई कि मैं सियासी मैदान में आऊं, इसलिए मैंने सोचा कि क्यों नहीं ऐसा ही किया जाए.
एबीपी आनंदा की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय राजनीति में आने के लिए मंगलवार (5 मार्च, 2024) को पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर सकते हैं. उन्होंने बताया, "मैं मंगलवार को न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देने की योजना बना रहा हूं." उन्होंने इस दौरान टीएमसी को धन्यवाद भी दिया, जो कि उनके राजनीतिक क्षेत्र में जाने के लिए उन्हें बार-बार चुनौती देती रही है.
'नहीं पता किस पार्टी को करूंगा ज्वॉइन'
सियासी दल के नाम और चुनाव लड़ने से जुड़े सवाल पर जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने साफ किया- फिलहाल मैंने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है कि मैं किस पार्टी में जाऊंगे या फिर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ूंगा या नहीं. मैं भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) या फिर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPM) में शामिल होने के लिए तैयार हूं.
अगले 5 माह में होंगे हाईकोर्ट से रिटायर
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय 2018 में कलकत्ता हाईकोर्ट से जुड़े थे. अगले 5 माह में यानी अगस्त 2024 में वह सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इस साल जनवरी में जस्टिस गंगोपाध्याय का हाईकोर्ट के साथी न्यायाधीश न्यायमूर्ति सौमेन सेन के साथ न्यायिक विवाद खड़ा हो गया था जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था. दो जजों के बीच टकराव पश्चिम बंगाल में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के दौरान कथित जाति प्रमाण पत्र घोटाले और अनियमितताओं की सीबीआई जांच पर रोक लगाने के मामले पर पैदा हुआ था.
शिक्षक भर्ती घोटाले मामले पर दे चुके हैं इंटरव्यू
वैसे, पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले मामले पर टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की भूमिका पर एक स्थानीय बंगाली टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू से भी उनको लेकर विवाद पैदा हुआ था. इस पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी कड़ी टिप्पणी की गई थी और मौजूदा न्यायाधीशों को टीवी चैनलों को इंटरव्यू देने का कोई अधिकार नहीं होने की बात कही थी.
इन वजहों से भी रहे सुर्खियों में
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय अपने आदेशों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. हालिया विवाद 'जज बनाम जज' खूब सुर्खियों में रहा जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट को 'स्पेशल सीटिंग' बुलानी पड़ी थी. पिछले 9 माह में सुप्रीम कोर्ट को उनके अलग-अलग आदेशों पर दो सीटिंग बुलानी पड़ी थीं, जबकि 250 अधिवक्ताओं की ओर से मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम को पत्र लिखे जाने के बाद न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कोर्ट रूम में महाधिवक्ता किशोर दत्त से बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी, वो भी काफी सुर्खियों में रहा था.
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