'एक जज को हर दिन किया जाता है जज', विक्टोरिया गौरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
Victoria Gowri: सुप्रीम कोर्ट ने विक्टोरिया गौरी को जज बनाए जाने से रोकने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुई अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा, एक जज को हर दिन जज किया जाता है.
!['एक जज को हर दिन किया जाता है जज', विक्टोरिया गौरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी judge is judged everyday supreme court observation on lakshmana chandra victoria gowri case 'एक जज को हर दिन किया जाता है जज', विक्टोरिया गौरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/11/90ff198e82b00dec5d46339fac2c0ad71676106139696637_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक जज का हर एक दिन जनता, याचिकाकर्ता और वकीलों के द्वारा आंकलन किया जाता है. उनका आचरण हमेशा जांच में होता है क्योंकि वे अपने फैसलों (अदालती) के माध्यम से बोलते हैं. सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी शुक्रवार को जारी किए गए उस आदेश का हिस्सा है जो उसने लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी के मद्रास हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्ति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया था.
मंगलवार (7 फरवरी) को सर्वोच्च अदालत ने लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. विक्टोरिया गौरी ने उसी दिन मद्रास हाई कोर्ट में शपथ ग्रहण की थी.
रोज होता है जज का आंकलन
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई की बेंच ने कहा, "न केवल आचरण और फैसलों पर ही विचार किया जाता है बल्कि एक न्यायाधीश को वकीलों, वादियों और जनता द्वारा प्रतिदिन आंका जाता है, क्योंकि अदालतें खुली हैं और न्यायाधीश अपने फैसलों के लिए लिखित में कारण देकर बोलते हैं.
9 पन्नों के आदेश में अदालत ने कहा कि बिना कहे ही यह तथ्य समाहित है कि न्यायाधीश के आचरण और उनके निर्णयों में स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के पालन की झलक दिखनी चाहिए. इसमें आगे कहा गया है कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा और कानून का शासन स्थापित करने में न्यायपालिका की केंद्रीय भूमिका है.
क्या था मामला?
विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट के वकीलों की तरफ से दो याचिकाएं दायर की गई थीं. याचिकाओं में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बयानों और बीजेपी के साथ उनके कथित जुड़ाव को लेकर विक्टोरिया गौरी के जज बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी. याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. जज बनने से पहले विक्टोरिया गौरी मद्रास हाई कोर्ट में केंद्र सरकार की डिप्टी सॉलिसिटर जनरल थीं.
शपथ ग्रहण से 24 घंटे पहले सुप्रीम कोर्ट में मामला
न्यायमूर्ति गौरी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए 24 घंटे से भी कम समय शेष रहने पर सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष याचिकाओं का उल्लेख किया गया। मंगलवार को मामले की सुनवाई पहले ही टाल दी गई क्योंकि शपथ 10.35 बजे ली जानी थी.
17 जनवरी को कॉलेजियम ने विक्टोरिया गौरी को जज बनाए जाने को लेकर सिफारिश की थी. 1 फरवरी को मद्रास हाई कोर्ट के 21 वकीलों ने राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को उनकी सिफारिश वापस लेने के लिए लिखा था.
यह भी पढ़ें- IMF का पैकेज फंसा तो अब जनता का खून चूसेगा पाकिस्तान, जल्द गिराएगा 'टैक्स बम'
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)