नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया मौत मामले की विस्तृत सुनवाई आज शुरू कर दी. जांच की मांग कर रहे बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन के वकील दुष्यंत दवे ने मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठाया. सुनवाई सोमवार यानि पांच फरवरी को जारी रहेगी.


सुनवाई टालने की मांग


दोपहर 2 बजे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई शुरू की. शुरू में ही याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने सुनवाई टालने की मांग रख दी. उनका कहना था कि पहले महाराष्ट्र सरकार उनकी अर्ज़ी पर लिखित जवाब दाखिल करे. राज्य सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जब सभी पक्ष मौजूद हैं तो सीधे सुनवाई शुरू होनी चाहिए.


दवे ने जजों के बयान पर सवाल उठाए


इस मामले में महाराष्ट्र के चार डिस्ट्रिक्ट जजों ने बयान दिए हैं. उन्होंने बताया है कि नागपुर में जज लोया की मौत के वक्त वो उनके साथ थे. उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. लेकिन दवे ने जजों के बयान पर सवाल उठा दिए. उन्होंने कहा, "अस्पताल के डॉक्टरों के बयान और जजों के बयान में विरोधाभास है. ऐसा लगता है कि जजों ने दबाव में बयान दिए हैं."


दवे ने लोया से पहले सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे एक जज के ट्रांसफर का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा अमित शाह को व्यक्तिगत पेशी से छूट न देने वाले जज का ट्रांसफर किया गया. बाद में जज लोया के पास मामला आया, उनकी भी संदिग्ध मौत हो गई.


महाराष्ट्र के वकील का एतराज़


महाराष्ट्र सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा, "निचली अदालत के जजों के ट्रांसफर हाई कोर्ट के 5 जजों की प्रशासनिक कमिटी करती है. दवे सीधे-सीधे हाई कोर्ट के 5 जजों पर सवाल उठा रहे हैं. इतना ही नहीं 4 डिस्ट्रिक्ट जजों को भी झूठा कह रहे हैं. क्या कोर्ट में इस तरह की दलीलें रखी जाएंगी?"


कोर्ट का दखल


दवे ने सवाल उठाया कि घटना के वक्त मौजूद होने का बयान देने वाले जजों ने लोया के परिवार को फोन क्यों नहीं किया. इस पर बेंच के सदस्य जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने दखल देते हुए कहा, "हम हर पहलू पर विचार कर रहे हैं. लेकिन किसी विपत्ति में किस व्यक्ति ने कैसे प्रतिक्रिया दी, इसके आधार पर सच-झूठ का फैसला नहीं हो सकता. कोई कह सकता है कि उसने अलग तरह से काम किया होता. लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता."


असली कागज़ात की मांग


जांच की मांग कर रहे वकीलों ने सभी दस्तावेज का असल (ओरिजिनल) कोर्ट में रखे जाने की मांग की. इंदिरा जयसिंह ने कहा कि उन्हें फोटो कॉपी दी गई है. इसमें कई जगह पेन से बदलाव किए गए हैं. इस पर मुकुल रोहतगी ने दावा किया कि सभी असल दस्तावेज कोर्ट में उनके पास मौजूद हैं. वो अभी उन्हें कोर्ट को दिखा सकते हैं.


अमित शाह को पक्ष बनाने से इनकार


एक वकील ने मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पक्ष बनाने की मांग की. लेकिन कोर्ट ने इससे मना कर दिया. चीफ जस्टिस ने कहा, "हम जज की मौत के हालात पर सुनवाई कर रहे हैं. अगर आप इस पर दलील रखना चाहते हैं तो हम आपको भी सुनेंगे."