नई दिल्ली: सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बीएच लोया की कथित रूप से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस नाखुश है. कांग्रेस का कहना है कि स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से और सवाल उठेंगे. पार्टी का कहना है कि जब तक यह तर्कपूर्ण निष्कर्ष तक नहीं पहुंचता उनमें से कई प्रश्न अनुत्तरित रहेंगे.


कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया है, ‘‘लोया मामले के फैसले का निष्पक्ष विश्लेषण पूर्ण तार्किक आधार पर पहुंचना चाहिए. लेकिन, जब तक इसका तर्कपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकलता, यह और सवाल खड़े करेगा और कई अनुत्तरित रहेंगे.’’ फैसले पर पहली प्रतिक्रिया में सिंघवी ने कहा कि शीर्ष अदालत उनका प्रत्यक्ष रूप से निराकरण करके ही संदेह समाप्त कर सकती है.


सिंघवी ने ट्वीट किया है , ‘‘मैं यह स्वीकार करने को तैयार हूं 1) सुप्रीम कोर्ट में लोया के साथ मौजूद जस्टिस की सच्चाई पर पूरा जोर दिया जाना , 2) विवादित दलीलों को लेकर गुस्सा , 3) यदि जरूरत हो तो, अवमानना का मुकदमा शुरू करना , 4) यदि पुख्ता सबूत हैं तो 7/8 संदिग्ध परिस्थितियों का खंडन किया जाना. इनकी गैर - मौजूदगी में, बाकि कुछ पर्याप्त नहीं है.’’


जज लोया की मौत की जांच नहीं, BJP बोली- कांग्रेस बेनकाब
जस्टिस लोया का नागपुर में एक दिसंबर, 2014 को कथित रूप से दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी थी. वह अपने सहकर्मी की बेटी के विवाह में गये थे. हालांकि लोया के बेटे ने 14 जनवरी को कहा था कि उनके पिता की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की स्वतंत्र जांच कराने के लिये दायर याचिकायें को आज खारिज कर दीं.


चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों और बंबई हाईकोर्ट के जस्टिस के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर न्यायपालिका को विवादित बनाने का प्रयास किया जा रहा है. पीठ ने कहा, ‘‘लोया की मृत्यु की परिस्थितियों के संबंध में चार जजों के बयान पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है. साथ ही रिकॉर्ड में रखे गए दस्तावेजों और उनकी जांच यह साबित करती है कि लोया की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई है.’’