जब दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक शख्स गाने लगा जूही चावला की फिल्मों के गाने
मामले में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि यह टेस्टिंग नियम का हिस्सा है. इस तरीके की याचिकाएं सिर्फ केंद्र सरकार के कामों में बाधा डालने की कोशिश हैं.
नई दिल्ली: फ़िल्म अभिनेत्री जूही चावला की तरफ से 5G तकनीक की टेस्टिंग को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एक ऐसा वाकया हुआ जो अमूमन कोर्ट में नहीं देखने को मिलता, दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान एक शख्स ने जूही चावला की फिल्मों के अलग-अलग गाने तेज तेज आवाज में गाने शुरू कर दिए जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस के आईटी विभाग से जांच करने का आदेश दिया.
इसके बाद इस मामले की सुनवाई एक बार फिर आगे बढ़ी सुनवाई के दौरान जूही चावला की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि अभी 5जी की शुरुआत नहीं हो रही लेकिन इसको लेकर ट्रायल शुरू हो चुका है और यह ट्रायल इंसानी आबादी पर हो रहा है. इसी बीच फिर सुनवाई के दौरान जूही चावला की एक और फिल्म के गाने को गुनगुनाते हुए आवाज आई. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस शख्स की पहचान कर इसके खिलाफ क्यों ना कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जाए और नोटिस जारी किया जा रहा है.
केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि यह टेस्टिंग नियम का हिस्सा है ज्यादा इस तरीके की याचिकाएं सिर्फ केंद्र सरकार के कामों में बाधा डालने की कोशिश हैं. जिसके बाद हाइकोर्ट ने कहा कि पहले हम यह देखेंगे कि ये याचिका स्वीकार करने लायक है या नहीं. केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि 5 जी तकनीक के इस्तेमाल पर कहीं से कोई रोक नहीं लगी है. कुछ शर्तों के साथ इस तकनीक को अनुमति मिली हुई है. केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि पहले याचिकाकर्ता को यह बताना होगा कि आखिर 5G तकनीक से कैसे लोगों को नुकसान हो रहा है और इस टेस्टिंग का किस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. जूही चावला के वकील की तरफ से कहा गया कि हम 5G तकनीक के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस तरह से इस को लाया जा रहा है और टेस्टिंग की जा रही है उसको लेकर आपत्ति दर्ज करवाई है.
हाइकोर्ट ने जूही चावला के वकील से पूछा कि क्या आप ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करने से पहले अपनी शिकायत के बारे में केंद्र सरकार को कोई जानकारी दी!! जिस पर जूही चावला के वकील ने कहा जी नहीं.कोर्ट ने कहा की पहले आपको सरकार को अपनी शिकायत के बारे में बताना चाहिए था और अगर सरकार आपकी शिकायत का निवारण नहीं करती तो आप कोर्ट आ सकते थे कि आपके अधिकार का हनन हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि पहले आप यह बताइए कि आपकी यह याचिका क्यों सुनी जाए!! जूही चावला के वकील ने कहा कि एक नागरिक के तौर पर मेरी इस याचिका को सुना जाना चाहिए कोर्ट ने कहा लेकिन आपने अपनी शिकायत सरकार तत्व पहुंचाई ही नहीं. जूही चावला के वकील ने कहा कि हमारे पास आरटीआई का जवाब है जिसमें कहा गया है कि 5G टेस्टिंग शुरू करने से पहले इसको लेकर कोई स्टडी नहीं की गई है.
कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि याचिकाकर्ता को खुद उस बारे में कोई जानकारी ना हो और वह कोर्ट में आकर कहे कि हमको जानकारी मुहैया कराई जाएं और जांच करवाई जाए क्योंकि इससे किसी तरह का नुकसान हो सकता है. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि फिलहाल टेस्टिंग पर रोक लगनी चाहिए. हाइकोर्ट ने कहा लेकिन पहले याचिकाकर्ता को जो सवाल वो उठा रहा उस बारे में जानकारी होनी चाहिए. क्या जो सवाल उठाए गए और आरोप लगाए गए उनकी कहीं से कोई पुष्टि की गई!! अगर यह सारी जानकारी गलत पाई गई तो कार्रवाई भी की जा सकती है. जूही चावला के वकील ने कहा कि हम को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन इतना पता है कि इसको लेकर कोई स्टडी नहीं की गई हम बस इतना चाहते हैं कि इसको शुरू करने से पहले स्टडी होनी चाहिए.
कोर्ट ने पूछा कि आपको यह जानकारी किसने दी कि नुकसान हो सकता है जवाब दिया गया डॉक्टर ने.कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि आप एक ही मामले में अनगिनत लोगों को पक्षकार बना दें जैसा कि इस मामले में किया गया है. कोर्ट ने कहा कि इस याचिका में केंद्र सरकार से लेकर अलग-अलग विभागों और विश्वविद्यालयों तक को पक्षकार बना दिया गया है. जिस बात दिल्ली हाईकोर्ट ने जूही चावला की तरफ से दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और यह तय करेगी कि इस याचिका पर आगे सुनवाई की जा सकती है या नहीं.