जूलियो रिबेरो, 42 पूर्व नौकरशाहों ने जयंत सिन्हा को हटाये जाने की मांग की
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने झारखंड में रामगढ़ लिंचिंग के दोषियों को बेल मिलने के बाद उनसे मुलाकात की थी. हैरत में डालने वाली बात ये है कि उन्होंने ना सिर्फ इन दोषियों से मुलाकात की बल्कि माला पहना और मिठाई खिला उनका स्वागत भी किया.
नई दिल्ली: मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त जूलियो रिबेरो, पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला और 41 अन्य पूर्व नौकरशाहों ने पीट-पीटकर हत्या मामले के आठ दोषियों को माला पहनाने को लेकर केंद्रीय मंत्री जयन्त सिन्हा को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है.
पूर्व नौकरशाहों ने बयान जारी कर कहा कि सिन्हा के इस कदम से ‘अल्पसंख्यकों की हत्या का लाइसेंस प्राप्त होने का’ संदेश जाता है. उसमें कहा गया है कि इससे इस तरह के आपराधिक मामलों के आरोपियों की ‘वित्तीय, कानूनी और राजनीतिक मदद’ को बढ़ावा मिलेगा.
सिन्हा ने पहनाई हत्यारों को माला केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने झारखंड में रामगढ़ लिंचिंग के दोषियों को बेल मिलने के बाद उनसे मुलाकात की थी. हैरत में डालने वाली बात ये है कि उन्होंने ना सिर्फ इन दोषियों से मुलाकात की बल्कि माला पहना और मिठाई खिला उनका स्वागत भी किया.
चौतरफा आलोचना के बाद सिन्हा ने कहा था कि जब इन लोगों को बेल मिली, वो उनके घर आए और उन्होंने आरोपियों को शुभकामनाएं दी. सिन्हा कहते हैं कि कानून को अपना काम करने दिया जाए, जिन्होंने ऐसा किया होगा उन्हें सज़ा मिलेगी और जो निर्दोष हैं वो छूट जाएंगे.
बीफ के शक में हुई थी अलीमुद्दीन की हत्या केंद्रीय मंत्री सिन्हा ने लिंचिंग के जिन दोषियों का स्वागत माला पहनाकर किया वो हाई कोर्ट से मिली बेल पर जेल से बाहर आए हैं. इन्हें एक निचली अदालत ने 40 साल के अलीमुद्दीन अंसारी की पीट पीट कर कर हत्या करने के मामले में दोषी करार दिया है. अलीमुद्दीन की हत्या पिछले साल 29 जून को झारखंड के रामगढ़ में की गई थी. लिंचिंग में शामिल दोषियों ने अलीमुद्दीन पर बीफ ट्रांसपोर्ट करने का आरोप लगाकर उसकी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था. अभी तक इस मामले में क्या हुआ है घटना 29 जून 2017 की है जब भीड़ ने अलीमुद्दीन को मार डाला. सितंबर 2017 में पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था. इस साल 16 जून 2018 को कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी करार दिया. 21 मार्च 2018 को सभी दोषियों को म्र कैद की सजा दी गयी. जिसे बाद में इसमें से 8 दोषियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. 29 जून 2018 को हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए इन्हें जमानत दे दी. रामगढ़ लिंचिंग मामले में कुछ 12 लोगों पर आरोप लगे थे. 12वां आरोपी एक नाबालिग है और उसका मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है.