Monkeypox-Swine Flu: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को वैश्विक महामारी (Pandemic) घोषित कर दिया है. इसे लेकर देश की व्यावसायिक नगरी मुंबई (Mumbai) की बीएमसी (BMC) भी इस महामारी को लेकर सतर्क हो गई है. इस बीच जिले में स्वाईन फ्लू (Swine Flu) के भी मामले बढ़ने लगे हैं. कोरोना महामारी के दौरान बनाए गए जंबो अस्पताल को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. इसकी वजह ये है कि मुंबई में अब कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा नहीं है. कोरोना महामारी (Corona Virus) की सबसे बड़ी मार झेल चुकी मुंबई अब इन दो बड़ी बीमारियों से कैसे लड़ेगी, ये बड़ा सवाल है और इसका जवाब दिया बीएमसी की स्वास्थ्य अधिकारी मंगला गोमारे ने.
राज्य में नहीं है फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय
मुंबई शहर में जब कोरोना की महामारी के मामले सामने आए थे तब बीएमसी ने कई जंबो कोविड केंद्र बनाया था और उनकी मदद से बीमारी को नियंत्रण में लाया था. हालांकि WHO ने अब मंकीपॉक्स इस बीमारी को भी वैश्विक महामारी घोषित कर दी है लेकिन राज्य में स्वास्थ मंत्रालय (Health Ministry) ना होने के कारण सतर्कता के लिए क्या अहम कदम उठाए जाएंगे? इसकी जवाबदेही किसकी होगी और कौन लोगों को आने वाले खतरे से बचाएगा?
इस बारे में बताने के लि बीएमसी (BMC) की स्वास्थ अधिकारी डॉक्टर मंगला गोमारे ने एबीपी न्यूज को बताया कि ज़रूरत पड़ने पर उचित कदम उठाए जाएंगे वहीं बीएमसी ने फिलहाल सभी निजी अस्पताल और बीएमसी के अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी मंकीपॉक्स शख्स लक्षण के साथ दिखता है तो तुरंत बीएमसी को इस बारे में जानकारी देनी होगी.
कस्तूरबा अस्पताल है तैयार
स्वास्थ अधिकारी डॉक्टर मंगला गोमारे ने एबीपी न्यूज को बताया कि कस्तूरबा अस्पताल जो संक्रमित बीमारियों के लिए खास बनाया गया है. उसी अस्पताल में मुंबई में बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के मामलों का भी उपचार हो रहा है. अस्पताल में 28 बेड्स बनाए गए हैं जिनमें से 1 वार्ड मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए तैनात किया गया है.
उन्होंने बताया कि, अगर मंकीपॉक्स का एक भी मरीज मुंबई में पाया जाता है तो उसे इसी अस्पताल में लाया जाएगा और जब तक उसका परीक्षण पूर्ण नहीं होता तब तक वह मरीज यहीं एडमिट रहेगा. अधिकारी ने बताया कि अब तक मुंबई में दो संदिग्ध मंकीपॉक्स के मरीज इस अस्पताल में आ चुके है हालांकि दोनों ही चिकन पॉक्स की बीमारी से पीड़ित था.
बीएमसी का जेजे अस्तपाल भी है मंकीपॉक्स के लिए तैयार
मुंबई जैसे शहर में अगर एक भी मंकीपॉक्स का मामला आता है तो वह तेजी से फैल सकता है क्योंकि हर नए दिन कई लोग देश-विदेश से मुंबई आते है. इस बारे में जेजे अस्पताल की डीन पल्लवी सापले ने एबीपी न्यूज को बताया के अब तक 75 देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं. 20 हजार अधिक मरीज इसे संक्रमित हो चुके हैं लेकिन मंकीपॉक्स कोरोना जितना खतरनाक नहीं है.
मंकीपॉक्स से घबराने की जरूरत नहीं है
उन्होंने बताया कि जानकारों के मुताबिक मंकीपॉक्स जानलेवा भी नही है. जो लोग अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित है केवल वही लोग इस बीमारी से खतरे में है. इस बीमारी से ठीक होने में थोड़ा वक्त लगता है लेकिन कोई गंभीर प्रभाव लोगों की सेहत पर नहीं पड़ता है. जेजे अस्पताल बीएमसी का है और ज़रूरत पड़ने पर इस अस्पताल में भी मंकीपॉक्स या स्वाईन फ्लू के लिए वार्ड बनाए जायेंगे.
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