Junaid-Nasir Murder Case: हरियाणा के भिवानी में जुनैद और नासिर के कथित हत्याकांड के आरोपी श्रीकांत के परिजनों ने राजस्थान पुलिस पर बड़े गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोपी श्रीकांत के पिता ने राजस्थान पुलिस पर जांच के नाम पर परिवार के साथ बर्बरता करने का आरोप लगाया है. श्रीकांत के पिता का आरोप है कि राजस्थान पुलिस ने उनके परिवार के साथ मारपीट की, जिसमें उनकी गर्भवती बहू का बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ है. बता दें कि जुनैद और नासिर दोनों राजस्थान के रहने वाले थे, इसलिए हरियाणा पुलिस के अलावा राजस्थान पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है. 


आरोपी श्रीकांत के पिता बालकिशन ने कहा कि उनके बेटे को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है. आरोपी पिता ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए पूरी दास्तां बताई. एबीपी न्यूज के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे पुलिस उनके घर में दाखिल हुई? कैसे पूरे घर को घेरकर बर्बरता की, जिससे बहू के पेट में चोट लगी और जिसके बाद मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ. इसके अलावा बेटे पर लगे आरोपों पर उन्होंने कहा, "यहां के विधायक मुम्मन खान जलते हैं, इसलिए उन्होंने ही मुकदमा करवाया है."


श्रीकांत के पिता ने क्या बताया?


श्रीकांत के पिता बालकिशन ने बताया, "राजस्थान पुलिस ने रात साढ़े 3 बजे मकान को चारों ओर से घेर लिया गया. उस रात बाहर जो गाड़ियां लगी हुई थीं उन सब पर RJ की नंबर प्लेट थी. कुछ लोग मेन गेट से, कुछ बैठक के रास्त से घर के अंदर आए." उन्होंने राजस्थान पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, "पुलिस ने सबसे पहले मुझे बाहर खींचा. फिर छोटे बेट को खींचा फिर अंदर किवाड़ों में धक्का दिया. बच्चे की घरवाली दरवाजा खोल रही थी तभी धक्का मारा और वो गिर गई. उसके बाद हमारे बच्चों को पकड़ कर ले गए." उन्होंने कहा, "हम कोई उग्रवादी नहीं ना थाने में रिकॉर्ड है लेकिन हमें बिस्तरों में से खींचा गया."


बालकिशन ने कहा, "दिन में हम बहू को मानीखेड़ा लेकर गए. फिर मेडिकल हॉस्पिटल ले गए वहां डॉक्टर ने दस्तखत करवाए कि दोनों मर जाएंगे तो हम जिम्मेदार नहीं आप होंगे. उसके बाद बच्चा मरा हुआ निकला. अब भी बहू की तबियत सीरियस है. हम अभी ये नहीं कह सकते कि बहू बच जाएगी." उन्होने आरोप लगाया कि राजस्थान पुलिस की टीम जो आई थी उसमें कोई महिला नहीं थी. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले पर हमने नगीना थाने में शिकायत कराई है. 


अपने बेटे पर लगे आरोपों पर बालकिशन कहा, "बजरंग दल कोई अनैतिक गतिविधियां नहीं करता है. वह गौरक्षक है, गौभक्षक नहीं और ना ही किसी की जान ले सकता है." उन्होंने MLA मम्मन खान पर बेटे को फंसाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "जानबूझ कर श्रीकांत को फंसाया गया है." उन्होंने कहा, "MLA मम्मन खान ईर्ष्या और बजरंग दल से जुड़े होने के कारण फंसा रहे हैं." 


बहू के मृत बच्चा पैदा होने पर बालकिशन ने कहा, "15 साल में मेरे घर के अंदर खुशी हो रही थी और ये गम का पहाड़ आ गया. राजस्थान पुलिस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "पुलिस ने हमें उग्रवादी समझा. मकान को घेर लो, उड़ा दो. ये सब कहा गया. 10 गाड़ियों में 40-50 लोग थे. अगर हमें बता देते तो हम खुद ही बताने पहुंच जाते. इसी राजनीतिक षडयंत्र में बच्चा भी शिकार हो गया."
 
श्रीकांत के भाई विष्णु के आरोप


श्रीकांत के भाई विष्णु जिसे उस दिन राजस्थान की पुलिस घर से उठा ले गई थी, उसने भी एबीपी न्यूज को उस रात की घटना के बारे में विस्तार से बताया. विष्णु ने आरोप लगाते हुए कहा, "जब मैंने दरवाजा खोला तो पुलिस वालों ने मुझे पकड़ लिया. मुझे और मेरी घरवाली को धक्का मारा. भाभी के रूम का दरवाजा खटखटाया. दरवाजा खुलते ही भाभी को धक्का मारा. घर में तोड़फोड़ की. यही लगातार बोल रहे थे कि श्रीकांत कहां है? मुझे और अश्वनी को यहां से खींच कर अपने साथ ले गए. मेरे पापा को भी बाहर तक खींच कर ले गए. मम्मी के गिड़गिड़ाने पर पापा को रोड पर छोड़ दिया था."


विष्णु ने बताया, "पहले हम दोनों भाइयों को यहां से नगीना थाने ले गए, फिर नगीना थाने से पहाड़ी थाने ले जाया गया. उसके बाद पूछताछ हुई. हम उनके साथ 2 दिन रहे और हम से लगातार दो दिन पूछताछ हुई. हमसे पूछा गया कि क्या काम करते हैं? आपका भाई क्या काम करता है? आपका भाई से रिश्ता क्या है? आपके चाचा-पापा क्या काम करते हैं? वहां थाने में ले जाकर हमारे साथ कोई बदसलूकी नहीं हुई."


श्रीकांत पर लगे आरोपों पर विष्णु ने कहा, "इस केस में बिना जांच किए हमारे भाई का नाम डाला गया है." विष्णु का आरोप है कि "हमें नफरत की नजर से देखा जाता है. भाई हमारे गौरक्षा दल से जुड़े हुए हैं. आज तक उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया. वो हमेशा पुलिस को साथ लेकर जाते हैं. उन्होंने कानून से अलग होकर काम नहीं किया. विधायक के दबाव में पुलिस ने FIR दर्ज की."


श्रीकांत की पत्नी को मरा बच्चा पैदा होने पर विष्णु ने राजस्थान पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, "हमारे घर में जो खुशियां आने वाली थीं, उसको इन्होंने मार दिया. अगर पुलिस वाले प्रहार नहीं करते वह बच्चा एक्सपायर नहीं करता. इसकी जांच हो और भाई के मामले पर भी जांच हो क्योंकि उसे भी फंसाया जा रहा है." 


विष्णु की पत्नी मनीषा ने क्या कहा?


वहीं मनीषा (विष्णु की पत्नी) ने आरोप लगाते हुए कहा, "3-3.30 बजे के करीब पुलिस वाले घर को चारों तरफ से घेरकर गेट खटखटा रहे थे. कह रहे थे गेट खोलो वरना गोली मार देंगे. जब मम्मी ने गेट खोला उन्हें धक्का दिया पापा के साथ बदसलूकी की. कमलेश (आरोपी श्रीकांत की पत्नी) ने जैसे गेट खोला, पुलिसवालों ने धक्का मारा. वो धक्का लगने से गिर गई और जब पुलिस वाले अंदर आए हैं तो उनकी लात भी लगी." उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, "अंदर कमरे में दोनों कमरों में सामान पूरा उथल पुथल कर दिया. बच्चों को भी नहीं छोड़ा. मेरे पति विष्णु को धक्का देते हुए यहां से लेकर गए. उनके साथ देवर को लेकर गए थे."


इस हादसे पर आरोपी श्रीकांत के पिता बाल किशन ने ज़ौक़ का शेर बोला - 


फूल तो दो दिन बहार-ए-जाँ-फ़ज़ा दिखला गए !
गम उन ग़ुंचों पे है जो बिन खिले मुरझा गए !!


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