नई दिल्ली:  बच्चों को बर्गर, पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक जैसे जंक फूड से बचाने के लिए सरकार उनके विज्ञापनों पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. कार्टून चैनलों पर जंक फूड कंपनियों के विज्ञापन नहीं चलेंगे. सूचना प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने ऐसी योजना बनाई है.


कार्टून चैनलों को विज्ञापन नहीं देंगी कंपनियां

आज लोकसभा में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने बताया है कि कोका कोला, नेस्ले समेत करीब नौ कंपनियों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि वो कार्टून चैनलों को विज्ञापन नहीं देंगी. बता दें कि आज संसद में जो चिंता सामने आई है, उसी चिंता को कुछ दिन पहले एबीपी न्यूज ने अपने शो ‘वायरल सच’ में भी उठाया था.

इस मामले पर विज्ञापन मानकों का निर्धारण करने वाली संस्था ASCI किसका निर्धारण करती है. फिलहाल कोई कानून नहीं है कि जंक फूड के विज्ञापनों पर कोई रोक लगाई जा सके. सरकार ने इस मुद्दे को स्व-नियंत्रण पर छोड़ा है.

स्वास्थ्य मंत्रालय और फ़ूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स ऑफ इंडिया यह प्रावधान बनाने पर भी विचार कर रहा है, ताकि पैकेज फ़ूड पर नमक और शर्करा की मात्रा को भी ठीक तरह से इंगित किया जाए. ताकि सेवन करने वालों को उसके हानिकारक पक्ष के बारे में जानकारी मिल जाएगी.

वायरल सच में एबीपी न्यूज़ ने क्या बताया था?

CSE  ने 2003 और 2006 में अध्ययन किया था, जिसमें कई सॉफ्ट ड्रिंक में कीटनाशक के अवशेष पाए गए थे. जबकि पैकेज्ड फूड में कीटनाशक के अवशेष नहीं होना चाहिए. दूसरी बात ये है कि सॉफ्ट ड्रिकं में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा है. अगर आप 100 एमएल भी कोल्ड ड्रिंक लेते हैं तो उसमें 11 ग्राम चीनी जाती है और ये पेस्टीसाइड रेसीड्यू और ऐडेड शुगर दोनों ही सबके लिए हानिकारक हैं. बड़ों के लिए भी और बच्चों के लिए भी.

डॉक्टर से लेकर फूड सेफ्टी एक्सपर्ट तक हर कोई यही बता रहा था कि चाहे वो डायट कोक हो या नार्मल कोक ये ना तो बच्चों के स्वास्थ के लिए ठीक है और ना ही बड़ों के लिए. कोका-कोला ने खुदज डायट कोक को बच्चों को नहीं पीने की हिदायत दी है.