Justice Abhijit Ganguly News: कलकत्ता हाई कोर्ट के चर्चित जस्टिस अभिजीत गांगुली (गंगोपाध्याय ) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इसकी वजह है कि उन्होंने राज्य में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार समेत अन्य कई मामलों में एक से बढ़कर एक कड़े फैसले सुनाने के बाद जस्टिस पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है. अब उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की भी चर्चा चल रही है.
जस्टिस गांगुली ने कहा कि वह 5 मार्च (मंगलवार) को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. रविवार (3 मार्च) को उन्होंने इस्तीफे का ऐलान किया. अब खबर है कि बीजेपी की तरफ से उन्हें तमलुक लोकसभा सीट से टिकट मिलने की संभावना है. जस्टिस अभिजीत गांगुली ने कहा कि वह अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को भेजेंगे. चलिए हम आपको बताते हैं कि जस्टिस गांगुली हैं कौन और हमेशा सुर्खियों में क्यों रहते हैं
ढाई साल में दिए हैं 95 आदेश
जस्टिस गांगुली पहले भी अपने फैसले, टिप्पणी और कामकाज के तरीके को लेकर चर्चा में रहे हैं. 61 साल के गांगुली ने पिछले ढाई सालों में 95 आदेश दिए हैं, जिनमें राज्य में चर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार की केंद्रीय एजेंसियों से जांच से लेकर मनरेगा और अन्य केंद्रीय फंड में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच भी शामिल है. इसकी वजह से वह राज्य सरकार की आंखों में हमेशा किरकिरी बने रहे.
साल 2018 में कोलकाता हाईकोर्ट में बतौर जज नियुक्त हुए थे. 2020 में उनकी नियुक्ति स्थाई हुई थी. तब से जस्टिस गांगुली हाईकोर्ट में ही अपनी सेवा दे रहे हैं. हाजरा कॉलेज से लॉ की पढ़ाई करने वाले जस्टिस गांगुली राज्य सेवा के अधिकारी भी रहे चुके हैं. जस्टिस गांगुली के इस्तीफे की घोषणा के बाद सीपीआई (एम) द्वारा भी उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए पेशकश की गई है.
इंटरव्यू देकर मोल ली सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी
जस्टिस अभिजीत गांगुली ने 2022 के अपने एक फैसले में सीबीआई को पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच का निर्देश दिया था. इसी मामले को लेकर उन्होंने एबीपी न्यूज के बांग्ला चैनल एबीपी आनंद को इंटरव्यू दिया था, जिससे सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया था. इसके बाद से इस केस को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने दूसरे जजों को ट्रांसफर करने का आदेश कलकत्ता हाई कोर्ट को दिया था.