Himachal High Court: जस्टिस अमजद ए सईद बने हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश
Himachal High Court:जस्टिस अमजद ए सईद ने हिमाचल हाईकोर्ट के 27 वें मुख्य न्यायधीश के रूप में ली शपथ ली. उन्हें राज्यपाल ने राजभवन में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई.
Himachal High Court: जस्टिस अमजद ए सईद (Justice Amjad A Sayed ) ने हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) के 27 वें मुख्य न्यायधीश बनाए गए हैं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश (,Himachal pradesh) के राजभवन में राज्यपाल ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई. हिमाचल के सीएम ने नए मुख्य न्यायाधीश का स्वागत किया है और साथ मिलकर प्रदेश के लिए काम करने की बात कही है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सिफारिश पर बने मुख्य न्यायाधीश
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (The Supreme Court collegium) की सिफारिश पर जस्टिस अमजद ए सईद को हिमाचल के मुख्य न्यायधीश बने हैं. गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court) के जस्टिस अमजद ए सईद ने हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली. अमजद ए सईद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के 27 वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं. राजभवन शिमला में सुबह साढ़े 9 बजे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Arlekar) ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. जस्टिस अमजद ए सैयद 21 जनवरी, 2023 तक हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे. 21 जनवरी 1961 को जन्मे अमजद ए सईद ने वर्ष 1984 में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. वह बॉम्बे हाईकोर्ट में सहायक सरकारी वकील भी रहे. 25 मई को निवर्तमान हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक 62 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त हुए थे. उसके बाद जस्टिस सबीना को हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.
सीएम ने कहा स्वागत है नए मुख्य न्यायाधीश का
इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (JaiRam Thakur) भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की क़ानून व्यवस्था अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है. जस्टिस अमजद ए सईद ने विधिवत रूप से शपथ ग्रहण कर ली है, हम उनका हिमाचल में स्वागत करते हैं. हम उनके साथ मिलजुल कर प्रदेश के लिए काम करेंगे.
जस्टिस अमजद ए सईद ने की प्रदेश की तारीफ
मुख्य न्यायाधीश हिमाचल हाई कोर्ट जस्टिस अमजद ए सईद ने कहा की हिमाचल प्रदेश बहुत सुन्दर प्रदेश हैं. उनकी कोशिश होगी की पांच साल से लंबित केस को सॉल्व किया जाये. लोगों को न्याय दिया जाएगा. पिछड़े दबे- कुचले वर्ग को न्याय दिया जायेगा. सभी को घर -द्वार पर न्याय मिल सके इसके लिए कानूनी रूप से जागरूक किया जाएगा. दबे व पिछड़े वर्ग को कानूनी सहायता का प्रावधान किया होगा.
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