नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर आज रिटायर हो गए. 12 जनवरी को 4 जजों की ऐतिहासिक प्रेस कांफ्रेंस का नेतृत्व करने वाले जज ने कहा, "मुझे इस बात का कोई पछतावा नहीं है. मैंने हमेशा व्यवस्था की बेहतरी के लिए काम किया है." जस्टिस चेलमेश्वर ने कार्यकाल खत्म होते ही दिल्ली में अपना सरकारी बंगला छोड़ दिया है. वो आंध्र प्रदेश के अपने पैतृक गांव में रहना चाहते हैं. उन्होंने कोई सरकारी पद लेने से भी मना किया है.
12 जनवरी की प्रेस कांफ्रेंस पर
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि उन्हें बाकी जजों के साथ मीडिया के सामने आने का कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा, "मुझे जो सही लगा मैंने किया. लोगों तक ये बात पहुंचनी चाहिए थी कि देश की सबसे बड़ी अदालत में भी कुछ दिक्कतें हैं. मेरा मकसद सही था. मुझे इस बात का कोई अफसोस नहीं.
न्यायपालिका को खतरे पर
जस्टिस चेलमेश्वर ने इससे इनकार किया कि न्यायपालिका पर कोई खतरा है. उन्होंने कहा, "हर दौर आता है, चला जाता है. इमरजेंसी के दिनों में मैंने अपने प्रोफेसर से हालात पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जर्मनी में हिटलर का दौर इससे बहुत बुरा था. इसलिए कुछ बातों के आधार पर न्यायपालिका को खतरे में नहीं माना जा सकता. उम्मीद है आगे स्थितियां और बेहतर होंगी."
जस्टिस के एम जोसफ पर
जस्टिस चेलमेश्वर ने एक बार फिर उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसफ को सुप्रीम कोर्ट जज बनने के योग्य बताया. जोसफ का नाम सरकार की तरफ से लौटाए जाने पर उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता सरकार क्यों उनके नाम का विरोध कर रही है. लेकिन सरकार ने जो कारण बताएं हैं, वो दमदार नहीं हैं."
गौरतलब है कि सरकार ने जोसफ से ज़्यादा वरिष्ठ जजों के हाई कोर्ट में होने, केरल के एक जज के पहले से सुप्रीम कोर्ट में होने जैसी वजह गिनाते हुए उनके नाम की सिफारिश कॉलेजियम को लौटा दी थी. चेलमेश्वर ने कहा, "कॉलेजियम के पांचों जजों ने जोसफ का नाम दोबारा सरकार के पास भेजने का फैसला किया है. उम्मीद है चीफ जस्टिस जल्द ही ऐसा करेंगे."
जस्टिस गोगोई के चीफ जस्टिस बनने की उम्मीद
जस्टिस रंजन गोगोई चेलमेश्वर के साथ प्रेस कांफ्रेंस करने वाले जजों में से एक थे. वरिष्ठता के लिहाज से मौजूदा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद उन्हें चीफ जस्टिस बनना है. हालांकि, इसकी औपचारिक सिफारिश चीफ जस्टिस ही करते हैं. इसके बाद सरकार की भूमिका शुरू होती है.
जस्टिस गोगोई को लेकर पूछे गए सवाल पर चेलमेश्वर ने कहा, "चीफ जस्टिस को पूरा अधिकार है कि वो किस नाम की सिफारिश करें. अगर वो वरिष्ठतम जज के नाम की सिफारिश नहीं करते तो उसकी वजह उन्हें दर्ज करनी होगी. लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ होगा."