नई दिल्ली: कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस कर्णन को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार कर लिया है. मानहानि के आरोप में सुप्रीमकोर्ट ने जस्टिस कर्णन की गिरफ्तारी का आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को चह महीने की सजा सुनाई है. इस गिरफ्तारी के बाद जस्टिस कर्णन पहले ऐसे जज बन गए हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया.


9 मई को सुप्रीम कोर्ट जस्टिस कर्णन की गिरफ्तारी का आदेश दिया था, इसी के बाद वे फरार चल रहे थे. कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था. जस्टिस कर्णन इसी महीने 12 जून को अपने पद से रिटायर हुए.


क्या हैं जस्टडिस कर्णन पर आरोप?
जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 20 जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सीधे प्रधानमंत्री मोदी को एक खुला पत्र लिखा था. इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अवमानना का दोषी मानते हुए उनकी सभी विधायी शक्तियां छीन लीं.


सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ वारंट भी जारी किया और सभी निचली अदालतों को आदेश दिया था कि कर्णन के किसी भी आदेश पर संज्ञान ना लें. इस सबसे इतर जस्टिस कर्णन लगातार अपने घर से फैसले सुनाते जा रहे थे. सुप्रीम ने उनकी मानसिक जांच के भी आदेश दिए थे, इसके लिए जस्टिस कर्णन ने इनकार कर दिया.


सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने की सजा सुनाते हुए मीडिया को जस्टिस कर्णन के बयानों को ना छापने का आदेश भी दिया. 12 जीन को कर्णन रिटायर हुए लेकिन फरार बने रहे. आज आखिरकार उन्हें कोयंबटूर से गिरफ्तार कर लिया गया.