Justice Hemant Gupta: हिजाब मामले (Hijab Case) में फैसला सुनाने वाले जस्टिस हेमंत गुप्ता (Hemant Gupta) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को अलविदा कह दिया है. अपनी विदाई के दौरान उन्होंने कहा कि एक जज का काम किसी को खुश करना नहीं है. क्योंकि कोर्ट के आदेश से कोई एक पक्ष नाखुश जरूर होगा. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से दी गई विदाई समारोह के दौरान यह बात कही. 


हेमंत गुप्ता ने कहा कि लोगों को खुश करने की कोशिश करके कोई जज के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर सकता है. यह भूमिका सार्वजनिक जीवन में दूसरों के लिए है. उन्होंने इस दौरान बार और बेंच में अपनी लंबी यात्रा के बारे में भी बताया. वह कठोर थे और कभी-कभी अपना आपा भी खो देते थे. हेमंत गुप्ता ने माना की उन्होंने कई गलतियां भी की होंगी, लेकिन यह पूरी तरह से अनजाने में हुआ होगा. 


कैसा रहा हेमंत गुप्ता का सफरनामा


जस्टिस हेमंत गुप्ता का जन्म कानूनी पेशेवरों के परिवार में हुआ था. उनके पिता साल 1991 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए. जस्टिस गुप्ता ने 1980 में एक वकील के रूप में नामांकन किया और पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अभ्यास किया और 1997 से 1999 के बीच एक अतिरिक्त महाधिवक्ता (Additional Solicitor General) के रूप में काम किया. 


2018 में बने SC के मुख्य न्यायाधीश 


गुप्ता को जुलाई 2002 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. इसके बाद उनका ट्रांसफर फरवरी 2016 में पटना हाई कोर्ट में कर दिया गया था और इसी साल अक्टूबर में यहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Acting Chief Justice) नियुक्त किया गया था. उन्हें मार्च 2017 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और नवंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. 


यूयू ललित ने की जस्टिस गुप्ता की तारीफ


वहीं, भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित (UU Lalit) ने अपने भाषण में जस्टिस गुप्ता के अच्छे स्वभाव की तारीफ की. उन्होंने कहा कि हेमंत गुप्ता हर काम को सर्वश्रेष्ठ बनाते हैं. उन्होंने कहा कि जस्टिस गुप्ता वह सबसे ज्यादा महान व्यक्ति हैं. उनके साथ कोई भी निर्णय दो सप्ताह के समय में तैयार हो जाएगा और यह उनकी कड़ी मेहनत को दर्शाता है. SCBA के उपाध्यक्ष प्रदीप राय ने गुप्ता की तारीफ करते हुए उनकी पिता की गिरफ्तारी को याद किया. 


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