नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले 4 जज में से एक जस्टिस चलमेश्वर का आज रिटायरमेंट था. परम्परा के मुताबिक आखिरी दिन वो चीफ जस्टिस की बेंच में उनके साथ बैठे. सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सीनियर मोस्ट न्यायाधीश जे चेलमेश्वर अपने अंतिम कार्यदिवस पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ पीठ में बैठे. सुप्रीम कोर्ट की परंपरा है कि रिटायर हो रहे जस्टिस अपने कार्यकाल के आखिरी दिन चीफ जस्टिस के साथ पीठ में बैठते हैं.


सुप्रीम कोर्ट में गर्मियों की छुट्टी से पहले का आज आखिरी कामकाजी दिन है और चूंकि जस्टिस चेलमेश्वर इसी दौरान 22 जून को रिटायर हो रहे हैं, इसलिए आज वह प्रथम न्यायालय कक्ष में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ के साथ पीठ में बैठे.


जस्टिस चेलमेश्वर ने 12 जनवरी को तीन दूसरे वरिष्ठतम जस्टिस के साथ विवादास्पद जॉइंट प्रेस कांफ्रेस की थी. इस प्रेस कांफ्रेंस में न्यायालय में मुकदमों के आवंटन और इसके कामकाज को लेकर चीफ जस्टिस के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये गये थे.


चीफ जस्टिस के कमरे में आज वकीलों के अलावा बड़ी संख्या में मुद्दई और अन्य लोग भी उपस्थित थे. न्यायालय में आज मामलों को शीघ्र सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने और अन्य तरह की राहत के लिये किसी भी मामले का उल्लेख नहीं किया गया. ये स्पेशल बेंच थोड़े समय के लिये ही इकट्ठा हुई और सवा ग्यारह बजे उठ गयी.


वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता, वकील प्रशांत भूषण और गोपाल शंकरनारायणन ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के सम्मान में इस अवसर पर संक्षिप्त भाषण दिये. जस्टिस चेलमेश्वर ने दोनों हाथ जोड़कर सभी से विदा ली. इससे पहले जस्टिस चेलमेश्वर ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पारंपरिक विदाई समारोह में शामिल होने का उसका आमंत्रण अस्वीकार कर दिया था.